गांव लाहली में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित

गांव लाहली में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित

रोहतक, गिरीश सैनी। गांव लाहली में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन तथा सीजेएम अनील कुमार कौशिक के मार्गदर्शन में मुफ्त कानूनी सहायता एवं वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों एवं हितों से संबंधित एक विशेष जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के पैनल के अधिवक्ता संदीप कुमार ने उपस्थित लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में तथा वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों एवं हितों की सुरक्षा के संबंध मे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान में साल 1976 मे एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संशोधन हुआ तथा अनुच्छेद 39-ए संविधान में जोड़ा गया जिसके तहत राज्य सरकारों को ये दायित्व दिया गया कि वो ये व्यवस्था करें कि भारत का कोई भी नागरिक किसी भी तरह की अयोग्यता के कारण न्याय प्राप्त करने से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी को न्याय प्राप्त करने के समान अवसर प्राप्त हो इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और उप मंडल स्तर पर उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया ताकि जरूरत के समय हर स्तर पर लोगों को आसानी से मुफ्त कानूनी सहायता मिल सके। मुफ्त कानूनी सहायता में लोगों को वकील की फीस व केस संबंधित किसी भी तरह का कोई खर्चा देने की जरूरत नहीं है क्योंकि केस संबंधित सारा खर्च सरकार वहन करती है।

संदीप कुमार ने उपस्थित लोगों को यह भी बताया कि यदि आप वरिष्ठ नागरिक है और आप किसी बच्चे या उत्तराधिकारी को संपत्ति उपहार में देना या हस्तांतरित करना चाहते हैं तो आप डीड में भी शर्त डालने पर विचार कर सकते हैं कि बच्चा उन्हें बुनियादी सुविधाएं व शारीरिक जरूरतें प्रदान करेगा। यदि बच्चा ऐसा करने में विफल रहता है, तो वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 के तहत एक वरिष्ठ नागरिक ट्रिब्यूनल से संपर्क करके उपहार या हस्तांतरण को धोखाधड़ी, जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव से किये जाने के कारण अमान्य घोषित करवा सकता है। इस अवसर पर राज़ल सिंह, राम कुमार शर्मा, पीएलवी कुलदीप सिंह, पीएलवी मनोज कुमार, हवा सिंह, महेंद्र सिंह तथा अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।