प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता तक आरसेटीआई के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं बनीं उद्यमी

डीसी सचिन गुप्ता ने बैंकिंग प्रदर्शन की समीक्षा की, तेज ऋण वितरण व बाजार-आधारित प्रशिक्षण के निर्देश दिए।

प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता तक आरसेटीआई के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं बनीं उद्यमी

रोहतक, गिरीश सैनी। बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी/डीसीसी) की बैठक उपायुक्त सचिन गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के प्रशिक्षुओं के सफल केस स्टडी प्रस्तुत किए गए।

 

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि ये सफलता की कहानियां दर्शाती हैं कि जब कौशल प्रशिक्षण को बाजार की मांग के अनुरूप किया जाए और समय पर बैंक ऋण का सहयोग मिले, तो जीवन में वास्तविक परिवर्तन संभव है। हमारा फोकस जन-केंद्रित बैंकिंग और आजीविका आधारित विकास पर बना रहना चाहिए
गांधऱा गांव की जिया और गढ़ी बोहर गांव की ज्योति, दोनों ने आरसेटीआई खरावड़ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने कॉस्मेटिक्स एवं ब्यूटी व्यवसाय स्थापित किए हैं और अब स्वतंत्र रूप से आय अर्जित कर रही हैं।

 

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूर्णत: बाज़ार की मांग के अनुरूप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्लंबिंग, सिलाई, कुकिंग, होम नर्सिंग, फास्ट फूड निर्माण, ब्यूटी एवं वेलनेस सेवाओं की भारी मांग है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पुलिस सत्यापन के उपरांत प्रशिक्षित युवाओं का विवरण एक समर्पित वेबसाइट पर अपलोड किया जाए, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें।

 

जिला के बैंकिंग संकेतकों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संतोष व्यक्त किया कि रोहतक जिले ने 65 प्रतिशत का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात हासिल किया है, जो न्यूनतम निर्धारित 60 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण 40 प्रतिशत के न्यूनतम लक्ष्य के मुकाबले 56 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जबकि एमएसएमई ऋण वितरण में प्रदर्शन अत्यंत उत्कृष्ट पाया गया। हालांकि कृषि ऋण में अपेक्षित प्रगति न होने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और इस क्षेत्र में प्रयास तेज करने के निर्देश दिए।

 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उपायुक्त ने बैंकों को सभी पात्र किसानों को समय पर कृषि ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत डाटा अत्यंत सावधानी से अपलोड करने के निर्देश दिए ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो।

 

उपायुक्त ने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि सरकारी प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत ऋण आवेदनों का सात दिनों के भीतर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए तथा सामूहिक या अधूरे मामलों को प्रायोजित करने से बचा जाए। साइबर सुरक्षा पर जोर देते हुए बैंकों को निर्देश दिए गए कि साइबर धोखाधड़ी की जांच में पुलिस विभाग को आवश्यकता अनुसार लेन-देन की आईपी डिटेल, सीसीटीवी फुटेज, खाता विवरण और केवाईसी दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।

 

आरबीआई के लीड जिला अधिकारी कंवल कृष्ण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने पर बल दिया तथा वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान और बिना दावे वाली जमाओं के डाटा को अपडेट करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अंकित दहिया ने बैठक में एआईएफ, ई-एनडब्ल्यूआर, सीजीएस-एनपीएफ, नाबार्ड रिफाइनेंस सहायता, आरआईडीएफ परियोजनाओं तथा रोहतक जिले में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के संबंध में जानकारी दी। लीड जिला प्रबंधक महावीर प्रसाद ने उपायुक्त के निर्देशों का पूर्ण पालन करने तथा सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया।