गांव घिलौड़ में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित

गांव घिलौड़ में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन व सीजेएम अनिल कुमार कौशिक के मार्गदर्शन में जिला के गांव घिलौड़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चाइल्ड मैरिज, चाइल्ड लेबर, जेंडर सेंसिटाइजेशन, बाल तस्करी, गुड एंड बैड टच, पोस्को और बच्चों के अधिकारों एवं हितों से संबंधित एक विशेष कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर डॉ. कविता नरवाल, जिला विधिक साक्षरता समन्वयक अमित डीसीपीयू, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण रोहतक के पैनल अधिवक्ता संजय कुमार धीमान ने बताया कि बाल विवाह समाज की जड़ो तक फैली बुराई, लैंगिक असमानता और भेदभाव का ज्वलंत उदाहरण है। जिन समुदायों में बाल विवाह की प्रथा प्रचलित है वहां छोटी उम्र मे लडकी की शादी करना उन समुदायों की सामाजिक प्रथा और दृष्टिकोण का हिस्सा है जोकि लड़कियों के मानवाधिकारों की निम्न दशा को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि भारत मे बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार कानूनी दृष्टि से 18 वर्ष से कम आयु की लडक़ी और 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो कि कानूनी अपराध है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों को मुफ्त कानूनी सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। पैनल अधिवक्ता ने मौजूद छात्राओं को मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य, अध्यापक व विद्यार्थी मौजूद रहे।