अश्विनी जेतली की क़लम से दिल को छू लेनेवाली एक ताज़ा `ग़ज़ल'

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अश्विनी जेतली की क़लम से दिल को छू लेनेवाली एक ताज़ा `ग़ज़ल'
अश्विनी जेतली।

आर्ट वर्क- गरिमा धीमान।

मेरा मेरा करता है, सब उसका है
रिश्ते-नाते, घर-दौलत सब उसका है

जिन रंगों में रंगा है बंदा, उसके हैं 
हर जलवा ही भाई मेरे उसका है 

मसनवी मुस्कान लबों पर, अपनी है 
दिल में जो है दर्द छुपा वो उसका है 

अब तो उसका ही जलवा है चारों सू
ये कोना भी उसका वो भी उसका है 

लूट के मेहनतकश को तूने पाई जो 
उस दौलत पर आधा हक़ तो उसका है 

कुदरत से लेता था पंगा, भुगतो अब
देख खुला अब तीसरा नेत्र उसका है 

भंवर से तुझको अब निकालेगा वही 
नाख़ुदा भी नाम ख़ुदा भी उसका है 
तू समझे इक और ग़ज़ल है लिख डाली 
लिखता है जो हर अक्षर तू, उसका है।