भाषाएं विविधता में एकता की पहचान एवं हमारी सांस्कृतिक धरोहर: डाॅ. सुनील कुमार

भाषाएं विविधता में एकता की पहचान एवं हमारी सांस्कृतिक धरोहर: डाॅ. सुनील कुमार

आज दिनांक 23.02.2024 को हिन्दी विभाग गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर एवं विचार विगास केन्द्र्र कबीर पार्क, अमृतसर के संयुक्त तत्वाधान में डाॅ. शमीर सिंह द्वारा रचित कहानी-संग्रह ‘सुनेहा’ पर विचार-विमर्श एवं संगोष्ठी का कार्यक्रम विदेशी भाषाएं विभाग में डाॅ. सुनील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें विशेष वक्ता के तौर में हिन्दी-विभाग की पूर्व अध्यक्ष डाॅ. मधु संधु, पंजाबी विभाग की पूर्व प्रोफेसर डाॅ. इकबाल कौर सोंध, सरूप रानी सरकारी महिला महाविद्यालय, अमृतसर ने अपने प्रपत्र पढे़।

प्रपत्र वाचन के बाद कविता पाठ का आयोजन किया गया जिसमें डाॅ. राकेश प्रेम, डाॅ. शमीर सिंह, डाॅ. इकबाल कौर सोंध और हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की। इसके बाद डाॅ. शमीर सिंह द्वारा रचित ग्रंथ ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी: जीवन, काव्य व चिंतन’ के चैथे संस्करण और ‘सुनेहा: समीक्षा के दायरे में’ का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर डाॅ. शमीर सिंह के परिजनों सहित हिन्दी विभाग से प्रो. सुधा जितेन्द्र, डाॅ. सपना शर्मा, डाॅ. लवलीन कौर, संस्कृृत विभाग से डाॅ. विशाल भारद्वाज, विदेशी भाषाएं विभाग से डाॅ. मोहन कुमार, मैडम सुनयना, मैडम रमनदीप कौर, डाॅ. देबाशीष चैधरी, रजनीश भारद्वाज, शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अमनदीप सिंह, डाॅ. बी.एस. घुम्मन, डाॅ. नरेन्द्र सिंह, डाॅ. एच.पी.गुप्ता, डाॅ. आर.एस. दुआ, डाॅ. बोपाराय, रमेश कुमार संतोष, अक्षय, सौरभ, हरमनदीप कौर एवं हिन्दी विभाग और विदेशी भाषाएं विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

हिन्दी विभाग, उर्दू एवं फारसी विभाग एवं विदेशी भाषाएं विभाग के अध्यक्ष डाॅ. सुनील कुमार ने कहा कि इन गतिविधियों का आयोजन विश्वविद्यालय के यशस्वी उपकुलपति प्रोफेसर (डाॅ.) जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और प्रेरणा से किया जा रहा है। यह मातृभाषा सप्ताह चल रहा है और इस दौरान विभिन्न भाषाओं एवं बोलियों के प्रयोग एवं संरक्षण पर बल देने के लिए विश्वविद्यालय में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। समाज के विभिन्न पहलुओं पर लिखी गयी डाॅ. शमीर सिंह की कहानियां दिल को छू जाती है और सोचने को मजबूर भी करती हैं। विवेच्य कहानी-संग्रह मानवीय संवदेनाओं के तारों को झंकृत कर जीवन के मधुमय गान एवं कटु यथार्थ का प्रभावी वर्णन करता है।वास्तव में यह कहानियां जीवन से सार्थक संवाद करती हैं।