समाचार विश्लेषण/क॔गना , मुम्बई मत आना 

समाचार विश्लेषण/क॔गना , मुम्बई मत आना 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 

फैशन से चर्चित एक्ट्रेस कंगना रानौत कोरोना के चलते हिमाचल अपने घर हैं माता पिता के साथ मनाली में । फिर भी वे लगातार सक्रिय हैं मनाली से और उनके तार जुड़े रहते हैं मुम्बई से । यही कारण है कि उन्होंने मनाली बैठे ही सुशांत सिंह राजपूत के मामले को मीडिया में लगातार चर्चा में लाने के लिए कार्यवाही जारी रखी है बल्कि नेपोटिज्म के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया । नेपोटिज्म यानी वंशवाद जिसकी शिकार वे खुद हो चुकी हैं । पहले ऋतिक रोशन के मामले में । जब सारे वंशवाद के एक्टर उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गये थे । करण जौहर उनमें प्रमुख थे । अब सुशांत के बहाने एक बार फिर कंगना ने वंशवाद पर चोट की । इसके बाद फैशन की हीरोइन ने ड्रग्स के मुद्दे को उछाला एक विस्फोटक इंटरव्यू में । ड्रग्स का मामला ऐसा उठाया कि छापे पर छापे पड़ने लगे और सुशांत सिंह केस की जांच की दिशा ही बदल गयी । रिया चक्रवर्ती और उसके भाई के घर तक छापे पड़ने की खबर आने लगी । यानी एक नये एंगल से सुशांत केस हल होने की उम्मीद होने लगी है और शायद यह सही दिशा की ओर कदम है । आखिर फिल्मी दुनिया नशे में इस कदर डूबी है । यह चमकती हुई दुनिया इतनी झूठी है ? यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ? 

इस सबके बीच शिवसेना के सांसद और एक प्रकार से इस पार्टी के प्रवक्ता संजय राऊत ने कह दिया कि कंगना , मुम्बई मत आना । इस पर कंगना बुरी तरह भड़क गयी और उसने तीन तीन ट्वीट कर हंगामा मचा दिया कि संजय राऊत को खुद मीडिया के सामने आना पड़ा और कहना पड़ा कि कंगना मुम्बई पुलिस को मिलें । किसलिए ? किसके खिलाफ ? आप खुद सरकार । खुद धमकी दे रहे हो तो पुलिस क्या खाक कार्यवाई करेगी ? सुशांत के मामले में इसी मुम्बई पुलिस को कुछ करने दिया आपने ? मामले को दबाने की कोशिश में लगी रही मुम्बई पुलिस और उसी पुलिस का भरोसा कर सकती है कंगना ? नहीं । बिल्कुल नहीं । इस पुलिस के भरोसे तो डाॅन को बारह मुल्कों की पुलिस नहीं पकड़ सकी । फिर कंगना किसके भरोसे मुम्बई आए ? कंगना का काम मुम्बई आने से ही होगा और मनाली में तो कुछ अंश किसी फिल्म के शूट हो सकते हैं । सारी फिल्म नहीं । क्या कंगना का फिल्मी करियर खत्म करने पर तुले हैं संजय राऊत ? तभी तो कंगना ने कहा कि क्या मुम्बई पी ओ के है ? नहीं । यह देश सिर्फ शिवसेना या संजय राऊत का नहीं । राहत इंदौरी के शब्दों में यह हिन्दुस्तान किसी के बाप का नहीं । पहले इसी मुम्बई में उत्तर भारत के लोगों कै खिलाफ आंदोलन भी चला राज ठाकरे की ओर से । पर यह देश सबका है । यह बात स्पष्ट हो जानी चाहिए । कंगना कहीं भी जाओ । यह देश तुम्हारा है ।