दीपेंद्र हुड्डा से कमलेश भारतीय की बातचीत

`सारा समय प्रदेश की जनता की सेवा में, बच्चों का उलाहना कि समय दो हमें भी' 

दीपेंद्र हुड्डा से कमलेश भारतीय की बातचीत

जजपा और भाजपा में जनहित का नहीं , हरियाणा की लूट का समझौता : दीपेद्र हुड्डा 
जजपा और भाजपा की गठबंधन सरकार का समझौता जनता को लूटने का और उसी हिसाब से बांटे गये विभाग । जनहित के लिए समझौता नहीं हुआ । इसीलिए आज प्रदेश में हर वर्ग आंदोलनरत है -क्या किसान , क्या महिला , क्या तो कर्मचारी और छात्र तक । यह कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का जो आज हिसार के कांग्रेस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित करने जाने से पहले फ्लेमिंगो में बातचीत कर रहे थे। 
-आपकी दिनचर्या क्या रहती है ?
-सुबह नौ बजे से रात्रि बारह एक बजे तक । सुबह उठकर थोड़ी एक्सरसाइज । फिर नाश्ता और इसके बाद अलग अलग जगह कार्यक्रम यानी रात्रि बारह एक बजे तक जनता के बीच । इतना कि मेरा परिवार भी अपने लिए समय मांगता है । कोशिश करके भी बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाता । 
-लोकसभा सदस्य से राज्यसभा सदस्य बनने तक क्या फर्क आया आपमें ?
-कोई फर्क नहीं । पहले भी मैं अकेला ही संसद था लोकसभा में हरियाणा से विपक्ष में और अब भी राज्यसभा में कांग्रेस का अकेला ही सांसद हूं । हरियाणा के विपक्ष की अकेली आवाज मैं ही हूं राज्यसभा में ।
-राज्यसभा सांसद के रूप में कौन सी मुख्य समस्याएं हरियाणा की उठा पाये हो ?
-समस्याएं अनेक उठाता रहता हूं लेकिन अभी जो सबसे ताजा समस्या उठाई 28 मार्च को वह थी सेना में भर्ती को लेकर । पता चला कि अब एक लाख , चालीस हजार पद खाली पड़े हैं और पिछले तीन साल से भर्ती लगभग बंद पड़ी हुई है ।
-उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने से कितना फर्क आयेगा ?
-पहली खुशी यह कि कांग्रेस हाईकमान ने जनभावनाओं को समझ कर फैसला किया । दूसरी बात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर विश्वास व्यक्त किया । अब कांग्रेस मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और बाद में सरकार बना कर सकारात्मक विकल्प देगी । 
-भाजपा नेता कह रहे हैं कि हरियाणा कांग्रेस में एक गुट गया और दूसरे का कब्जा हो गया । क्या कहेंगे ?
-आप उन्हीं से पूछिये ।
-कांग्रेस में गुटबाजी कब खत्म होगी ?
-कांग्रेस एकजुट है और कोई गुटबाजी नहीं ।
-जजपा भाजपा गठबंधन सरकार की विफलतायें क्या हैं आपकी नजर में ?
-बेरोजगारी , भ्रष्टाचार और अपराध । ये विकास पर हैं । सामाजिक भाईचारे को भी ठेस है । विकास का कोई एक काम हो तो बताये सरकार ।
इतने में कार्यकर्त्ताओं ने कमरे में आना शुरू कर दिया जिससे बातचीत यहीं खत्म करनी पड़ी ।