सीख 

सीख 
कमलेश भारतीय।

जिंदगी मेरे कान में 
धीमे से बुदबुदाई 
बडे राज की बात - 
बरखुरदार , सिखाती नही किताब 
सिखाते हैं हालात । 
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 खिला गुलाब 
बोला मुझसे - बबुआ क्यों हो उदास ? 
जिंदगी का हर पल है नया 
हर दिन है खास ।

....

चट्टान से टकराकर

 लौट जाती हैं 
लहरें 
हम चट्टान हैं या लहर ? 
आओ फैसला करें ।

मेरे काले दिनों के 
संघर्ष के साथी 
मुझे जगाए रखना ।
मैं सच का साथ देना बंद करने लगूं 
या अन्याय के खिलाफ आवाज 
न उठा सकूं 
तुम मुझे जगाए रखना 
ताकि 
मैं संघर्ष करता रहूं 
और काली शक्तियों के खिलाफ 
लडता रहूं । 

- कमलेश भारतीय