ये मेरा इंडिया...अब रह जायेगा भारत

पत्रकार कमलेश भारतीय का भावोत्तेजक लेख 

ये मेरा इंडिया...अब रह जायेगा भारत
कमलेश भारतीय।

हमारा देश इंडिया है या भारत ? वैसे बुद्धिजीवी लोग अमीर और गरीब का फर्क बताने के लिए अमीर का इंडिया और गरीब का भारत कह कर पुकारते हैं । अब इंडिया को अंग्रेजों की गुलामी के साथ जोड़ कर देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में नाम बदलने की याचिका दायर हो गयी है । इस याचिका में यह मांग है कि इंडिया का नाम बदल  कर भारत रखा जाए ताकि गुलामी की भावना से हमारा पीछा छूट सके । भारत नाम रखने से देशभक्ति की भावनाएं हिलोरें लेने लगेंगी । लगता है भारत नाम रखते ही पाकिस्तान बुरी तरह डर जायेगा और हमले करना भूल जायेगा । चीन भी कभी सीमा रेखा पार करने की कोशिश नहीं करेगा । याचिका में कहा गया है कि अंग्रेजों ने दो सौ वर्ष तक हमें गुलाम बनाए रखा और हमारे देश का नाम भी बदल डाला । वे हमें इंडियन कहते थे और इसी नाते नाम हो गया इंडिया । यह अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक है और हमें इसे उतार फेंकना चाहिए । अब गलती सुधार ली जाए ।
हमारे देश का नाम शेर के शावकों के साथ खेलने वाले बच्चे के नाम पर किया गया था । इसी प्रकार आचार्य विद्यासागर भी सन् 2017 से इंडिया नाम बदलने के लिए अभियान चलाये हुए हैं । उन्होंने भारत बने भारत नाम से यूट्यूब चैनल भी शुरू कर रखा है ।  उनके तर्क हैं कि यदि हम मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई कर सकते हैं , गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर सकते हैं तो इंडिया को हटा कर भारत करने में क्या बाधा है ? श्रीलंका जैसा देश भी पहले सीलोन के नाम से जाना जाता था । अब श्रीलंका है । हम क्यों यह गुलामी का प्रतीक नाम रखे रहें ? हमें गौरवशाली नाम भारत रखना चाहिए । 
वैसे इन दिनों भी भारत और इंडिया की बारीक रेखा दिखाई दे रही है जब प्रवासी मजदूरों की रेल या बस पर भागते दौड़ते देखा जा रहा है । सड़कों पर साइकिल या रिक्शा पर परिवार लादे देखा जा रहा है । यह भारत ही तो है । इंडिया तो संसद में या दिल्ली के बंगलों में आराम फरमा रहा है । आप कौन सा भारत पसंद करते हो ? या कैसा भारत बना रहे हो ? पहले तो नारा ही बदलो न । मेक इन इंडिया क्यों ? आओ भारत बनाएं की बात क्यों नहीं कहते ? हमारे हुक्मरान अंग्रेज़ी में ही नारे क्यों दिए हैं ? कैसे मेक इन इंडिया बनेगा या बन रहा है ? अरे संत जी हम निरी भावनाओं से कैसे भारत बने भारत बना लेंगे ? भारत हो या इंडिया इन प्रवासी मजदूरों के भाग्य बदल जायेंगे ? हमारे तो गाने ही बदल जायेंगे -
यह मेरा इंडिया ....यह मेरा इंडिया 
इक दुल्हन 
दुल्हन के माथे की बिंदिया
यह मेरा इंडिया.... 
नहीं । नहीं । यह मेरा भारत । नहीं । नही । नाम पर महाभारत ।