जन-प्रतिनिधियों को सक्रिय रखना जनता का अधिकार

जन-प्रतिनिधियों को सक्रिय रखना जनता का अधिकार

पंजाब की नई सरकार में जिन दस विधायकों को मंत्री बनाया गया है, उनमें आठ तो एकदम नए हैं। वे पहली बार विधायक चुने गए हैं और पहली बार में ही मंत्री भी बन गए। पंजाब गले तक कर्ज में डूबा है फिर भी अपने विधायकों को एकदम राजा बेटा बनाकर रखता आया है। राज्य सरकार इनका इनकम टैक्स भरती है और पूर्व विधायकों को पेंशन भी दिल खोल कर देती है। वो भी तब जबकि पंजाब पर 2.6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ा है। कैग के अनुसार, राज्य पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है और 2024-25 तक यह बढ़ कर 3.73 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है। सूबे की पिछली सरकार नवजोत सिंह सिद्धू सहित 93 विधायकों का इनकम टैक्स भरती थी, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित 24 विधायक अपना टैक्स खुद भरते थे। पंजाब में पूर्व विधायक को 15 हजार रुपए पेंशन मिलती है। दोबारा, तिबारा विधायक बनने पर, हर बार पेंशन में 10 हजार रुपए जुड़ते जाते हैं। प्रकाश सिंह बादल पांच बार विधायक रहे, यानी साल के छह लाख रुपए तो पेंशन के ही हो गए। हाल ही में उन्होंने पेंशन न लेने की इच्छा जताई है।

 

पंजाब के विपरीत, हरियाणा में विधायक अपना इनकम टैक्स खुद भरते हैं। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायक को 82 हजार रुपए पेंशन के मिलते हैँ और दोबारा तिबारा विधायक बनने पर 2 हजार रुपए जुड़ते जाते हैं। एक ग्राम प्रधान से लेकर, विधायक, सांसद तक, हर किसी को खूब सारा वेतन, भत्ते, मुफ्त सुविधाएं, सरकार देती है, यानी जनता से टैक्स के रूप में बटोरे गए पैसे पर नेताओं के ठाठ बाठ चलते हैं। इसीलिए, जनता को चाहिए कि वोट देकर एक साइड में न हो जाए। बल्कि अपने एरिया के विधायक, सांसद आदि नेताओं से क्षेत्रीय समस्याएं हल करने के लिए उन पर दबाव बनाकर रखे। ये जन प्रतिनिधि होते हैं और लोगों की समस्याएं हल कराना इनकी जिम्मेदारी होती है। इसलिए, पत्र लिखकर, सोशल मीडिया के जरिए अथवा व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपने जन-प्रतिनिधियों के संपर्क में रहिए और तब तक इनका पीछा मत छोड़िए जब तक कि ये क्षेत्रीय मुद्दों को  विधानसभा या संसद जैसे उचित मंचों पर नहीं उठाते। आपका क्षेत्रीय नेता आपके सुख दुख में साथ न दे तो वो किस बात का जन-प्रतिनिधि?

 

पंजाब के स्टार्टअप नए मुख्यमंत्री भगवंत मान से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। आईटी उद्यमियों को लगता है कि स्टार्टअप्स में पंजाब के समग्र विकास को गति देने की क्षमता है। हालांकि, कुछ बाधाएं हैं जिन्हें हटाने की जरूरत है। जिन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, वे हैं अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को पूरी तरह फंक्शनल करना और लंदन, टोरंटो, सैन फ्रांसिस्को, सिंगापुर व न्यूयॉर्क के लिए सीधी उड़ानें शुरू करना, ताकि दुनिया के टॉप स्टार्टअप सेंटर्स के बीच कनेक्टिविटी में सुधार हो सके। बिजली और इंटरनेट के लिए सस्ती दरें उपलब्ध कराना। एक पोर्टल हो जहां राज्य की आईटी कंपनियों को दर्ज किया जाए। सरकारी पोर्टल पर एक सेक्शन हो, जहां टेक कंपनियां अपनी वेकेंसी शो कर सकें। कई छात्र पढ़ाई के लिए विदेश चले जाते हैं और वापस नहीं आते हैं। प्रतिभाओं को प्रेरित करने और राज्य में रोके रखने के लिए मेलों का आयोजन होना चाहिए। स्टार्ट अप्स को कम से कम तीन वर्षों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट की आवश्यकता है।

 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं।