बालिकाओं की गरिमा का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्यः सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान

कलानौर में कानूनी जागरूकता साक्षरता कार्यक्रम आयोजित।

बालिकाओं की गरिमा का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्यः सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में कलानौर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय में सम्मानजनक व्यवहार और बालिकाओं की गरिमा के संरक्षण के लिए रिस्पेक्ट हर डिग्निटी नामक एक विशेष निशुल्क कानूनी जागरूकता व साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि, सीजेएम व प्राधिकरण की सचिव डॉ. तरन्नुम खान ने बालिकाओं की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा बारे जानकारी दी। उन्होंने ने  बताया कि बालिकाओं की गरिमा का सम्मान करना केवल सामाजिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि विद्यालय एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ हर छात्रा स्वयं को सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करे। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 के तहत बालिकाओं को समानता, भेदभाव से संरक्षण और जीवन की गरिमा का अधिकार प्राप्त है।

सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने कहा कि बाल विवाह, यौन शोषण और भ्रूण हत्या जैसे अपराध न केवल नैतिक रूप से घृणित है बल्कि दंडनीय भी है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के सभी अवसर मिले। समाज को बालिकाओं के प्रति मानसिकता बदलनी होगी और कानून का सख्ती से पालन करना होगा। बालिकाओं को आत्मरक्षा संबंधित व सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी प्रस्तुत किए गए। इस दौरान प्राधिकरण के अधिवक्ता, प्राचार्य देवेंद्र कटारिया, डा. अलका मदान, एकता कत्याल सहित अध्यापक व विद्यार्थी मौजूद रहे।