हरियाणा के समृद्ध इतिहास के विभिन्न पहलुओं से युवाओं और विद्यार्थियों को अवगत कराना जरूरीः कुलपति प्रो सुदेश

दो दिवसीय -युग-युगों से हरियाणा प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ।

हरियाणा के समृद्ध इतिहास के विभिन्न पहलुओं से युवाओं और विद्यार्थियों को अवगत कराना जरूरीः कुलपति प्रो सुदेश

खानपुर कलां, गिरीश सैनी। हरियाणा प्रदेश के समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक व राजनीतिक इतिहास में प्रदेश की महिलाओं ने भी अहम भूमिका निभाई है। आज जरूरत है कि इस समृद्ध इतिहास के विभिन्न पहलुओं से वर्तमान पीढ़ी, विशेषकर युवाओं और विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए। उक्त उद्गार बतौर मुख्य अतिथि, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां की कुलपति प्रो सुदेश ने मंगलवार को दो दिवसीय -युग-युगों से हरियाणा प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।

कुलपति प्रो सुदेश ने आयोजक टीम को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्राओं के शैक्षणिक व बौद्धिक विकास के लिए इस प्रकार के आयोजन नियमित रूप से होने चाहिए। कुलपति ने विभाग द्वारा छात्रों को कार्यक्रम संयोजन से जोड़ने की भी सराहना की और कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।

इतिहास एवं पुरातत्व विभाग द्वारा हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रो सुदेश व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। रिसोर्स पर्सन के रूप में के.पी.एल. कॉलेज, रेवाड़ी से डॉ अनिल यादव तथा हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सहायक निदेशक डॉ अजय वीर उपस्थित रहे।

डीन, फैकल्टी आफ सोशल साइंस प्रो रवि भूषण ने स्वागत संबोधन में कहा कि कुलपति प्रो सुदेश की प्रेरणा व कुशल मार्गदर्शन के कारण यह आयोजन संभव हो पाया है। इस प्रदर्शनी की संयोजक, इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की अध्यक्ष डॉ अर्चना मलिक ने प्रदर्शनी की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र का संचालन विधि विभाग की अध्यक्ष डॉ सीमा दहिया ने किया। आभार प्रदर्शन इतिहास विभाग की डॉ शीतल ने किया।

इस प्रदर्शनी में हरियाणा में पाए गए सिंधु सरस्वती स्थल, वैदिक काल, उत्तर वैदिक काल, चौहान/प्रतिहार काल के अवशेष, 11वीं शताब्दी के मंदिर विध्वंस, तुगलक व मुगल आक्रमण, पानीपत की तीसरी लड़ाई, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का योगदान, प्रथम विश्व युद्ध और 1947 में भारत विभाजन के दौर को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। साथ ही, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दुर्लभ चित्र, हरियाणा में मौजूद पुरातन सराय, बावलियां, मंदिर वास्तुकला आदि भी चित्रों द्वारा प्रदर्शित की गई है। इस मौके पर हरियाणा साहित्य व संस्कृत अकादमी पंचकूला द्वारा हरियाणा के इतिहास से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी सुबह 10:00 से शाम 4:00 बजे तक अवलोकन के लिए खुली रहेगी।