पर्यटन उद्योग को पर्यावरण और समुदाय दोनों के प्रति जिम्मेदार बनाना जरूरीः प्रो. मोहिंदर चंद
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आईएचटीएम) में सतत पर्यटन और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाएं विषय पर शोधार्थियों व नवागुतंक छात्रों के लिए विस्तार व्याख्यान आयोजित किया गया। बतौर मुख्य वक्ता, कुरुक्षेत्र विवि के वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के अधिष्ठाता एवं पर्यटन और होटल प्रबंधन विभागाध्यक्ष प्रो. मोहिंदर चंद ने शिरकत की।
आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और संस्थान की उपलब्धियों व छात्रों के लिए शुरू की गई नवीन शैक्षणिक पहलों पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता प्रो. मोहिंदर चंद ने कहा कि पर्यटन उद्योग को पर्यावरण और समुदाय दोनों के प्रति जिम्मेदार बनाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और सामुदायिक आधारित पर्यटन मॉडल जैसी रणनीतियों पर जोर दिया। साथ ही भारत के उभरते पर्यटन क्षेत्र को स्वच्छ भारत अभियान और सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ते हुए हरित प्रथाओं को अपनाने की अपील की।
छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए सतत पर्यटन के भविष्य पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान प्रो. संदीप मलिक, डॉ. गुंजन मलिक मनोचा, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. गोल्डी पुरी, डॉ. ज्योति, डॉ. शिल्पी और डॉ. अनूप सहित शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।
Girish Saini 


