खोजी पत्रकारिता खत्म होती जा रही है: सुभाष चंद्रा 

खोजी पत्रकारिता खत्म होती जा रही है और इसे करने वालों की क्षमता भी कम हो रही है । और कहीं कम तो कभी ज्यादा सोशल मीडिया शोषण भी करने लगा है । यह कहना है मीडिया मुगल कहे जाने वाले जी न्यूज के सर्वेसर्वा और राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का ।

खोजी पत्रकारिता खत्म होती जा रही है: सुभाष चंद्रा 

-कमलेश भारतीय 
खोजी पत्रकारिता खत्म होती जा रही है और इसे करने वालों की क्षमता भी कम हो रही है । और कहीं कम तो कभी ज्यादा सोशल मीडिया शोषण भी करने लगा है । यह कहना है मीडिया मुगल कहे जाने वाले जी न्यूज के सर्वेसर्वा और राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का । उन्हें सुभाष गोइन्का के नाम से भी जाना जाता है । प्रसिद्ध समाजसेवी नंद किशोर गोइन्का के बड़े बेटे सुभाष चंद्रा ने मीडिया के क्षेत्र में देश में सबसे पहले चौबीस घंटे का चैनल जी न्यूज चला कर मीडिया मुगल कहलवाने का गौरव पाया । हालांकि उनका कहना है कि जब यह बात पत्रकारों के बीच रखी तो सबने कहा कि यह मुश्किल होगा लेकिन रजत शर्मा जैसे नये पत्रकारों को अपने खर्च से इंग्लैंड यह प्रशिक्षण पाने भेजा और फिर जी न्यूज का चौबीस घंटे प्रसारण शुरू किया । नववर्ष पर सुभाष चंद्रा हमेशा की तरह अपने गृहनगर हिसार आए तो उनके साथ छोटी सी मुलाकात की गयी । सिरसा से आईटीआई तक शिक्षित सुभाष चंद्रा ने जी न्यूज शुरू करने से पहले मुम्बई में एस एल वर्ल्ड भी चलाया और इसके प्रचार के लिए जी न्यूज की शुरूआत की । फिर राजनीति में आने का सपना देखा और राज्यसभा सांसद बने । अब उनका कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में पूरा होने वाला है ।
-हरियाणा के  वरिष्ठ नेता चौ वीरेंद्र सिंह ने एक बार कहा था कि राज्यसभा सदस्य बनने के लिए सौ करोड़ रुपये चाहिएं तो आपने कितने लगाये थे ?
-मैंने कुछ नहीं लगाया । मेरी कम्पनी ने जरूर खर्च किये । वो भी बहुत कम रकम है ।
-आपके बारे में चर्चा थी कि सक्रिय राजनीति यानी सीधे चुनाव लड़ेंगे लेकिन आप राज्यसभा में ही फिर जाना पसंद करेंगे या सीधे चुनाव लड़ेंगे ?
-जैसा समय और स्थितियां होंगीं ।
-आपने अपनी सांसद निधि का पूरा सदुपयोग किया या सरकार के खाते में ही राशि छोड़ दी ?
-सिर्फ कोरोना काल में राशि का उपयोग नहीं हुआ बाकी तो कम से कम अठारह करोड़ निजी कोष से भी लगाये हैं । 
-आपने जो पांच गांव गोद लिए थे उनकी क्या प्रगति है ?
-नि:संदेह वे अब काफी बदल चुके हैं । आपसे मिलने से पहले इन गांवों में जाकर आया हूं । आर्गेनिक खेती और किचन गार्डन को भी प्रोत्साहित किया  गया है । बीस युवा भी इन गांवों के राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुके हैं । 
-आगे क्या आइडियाज हैं ?
-एक आइडिया सफल रहा एयरपोर्ट बनने का , रेलवे-स्टेशन पर वाशिंग गार्ड बनवाया और अब फूलों की खेती बढ़ाने का आइडिया है ।
-आप मीडिया मुगल हैं आज की पत्रकारिता की स्थिति के बारे में क्या कहेंगे ?
-पहले तो पत्रकारों पर दबाब रहता है  समय सीमा का और फिर व्यावसायीकरण बढ़ता जा रहा है । इसके बावजूद बड़ी चिंताजनक स्थिति यह है कि खोजी पत्रकारिता खत्म होती जा रही है जिससे शोषण के मामले उजागर हुआ करते थे । ऊपर से सोशल मीडिया में शोषण के समाचार भी आ रहे हैं जो चिंता का विषय हैं ।
-पहले जी न्यूज हरियाणवी फिल्मों को प्रोत्साहन देता था । हरियाणवी फिल्मों के बारे में क्या कहेंगे ?
-हरियाणवी फिल्म ज्यादा आगे नहीं बढ़ीं और न ही प्रतिभाएं आगे आईं । ऐसी स्थिति मराठी फिल्मों की भी थी । तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने हमारे ही जी न्यूज के कार्यक्रम में मराठी फिल्मों के लिए सहयोग मांगा और हमने भरसक सहयोग दिया । अब एक साल में पच्चीस तीन मराठी फिल्में बनने लगी हैं । हरियाणा में अच्छी फिल्में बनें , स्पोर्ट की कोई कमी नहीं रहेगी ।
हमारी शुभकामनाएं सुभाष चंद्रा को ।