चौ बंसीलाल विश्विद्यालय की कुलसचिव ऋतु सिंह से बातचीत 

सहज सुलभ प्रशासक बनने की कोशिश , जो सबकी सुने : डाॅ ऋतु सिंह 

चौ बंसीलाल विश्विद्यालय की कुलसचिव ऋतु सिंह से बातचीत 

-कमलेश भारतीय 
मैं सहज सुलभ प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हूं जो सबकी सुन सके और सबको समय दे पाये । एप्रोचेवल एडमिनिस्ट्रेटर । यह कहना है भिवानी के चौ बंसी लाल विश्विद्यालय की नवनियुक्त कुलसचिव श्रीमती ऋतु सिंह का । पिछले दिनों विश्विद्यालय के युवा कल्याण विभाग की ओर से आयोजित भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक के तौर पर जाने का अवसर मिला तो डाॅ ऋतु सिंह इसका उद्घाटन करने आईं तब परिचय हुआ । मूल रूप से फतेहाबाद निवासी ऋतु की प्लस टू तक की पढ़ाई तो ग्रेजुएशन सिरसा के नेशनल काॅलेज से तो एम ए इंग्लिश व एम फिल कुरूक्षेत्र विश्विद्यालय में और अभी चौ देवीलाल विश्विद्यालय से पीएचडी चल रही है । 
-पहली जाॅब कहां ?
-सन् 2004 में हिसार के पॉलिटेक्निक काॅलेज में और चौ बंसीलाल विश्विद्यालय में आने से पहले तक वहीं जाॅब की । 
-काॅलेज , विश्विद्यालय में किन गतिविधियों में भाग लेती रहीं ?
-काव्य पाठ प्रतियोगिता व भाषण प्रतियोगिताओं में । काव्य लेखन भी करती हूं । यह मेरा शौक भी है ।
-इसके अतिरिक्त क्या शौक हैं ?
-बागबानी का शौक है मुझे । सुबह उठते ही अपने घर के किचन गार्डन की पानी से सिंचाई करती हूं । 
-परिवार के बारे में बताइए ?
-पति नीरज सीसवाल में फार्मासिस्ट हैं । एक बेटा है एकलव्य जो प्लस टू में पढ़ता है । 
-नयी जिम्मेदारी पाकर कैसा लगा ?
-बहुत गौरवान्वित हुई और यह भी लगा कि महिलाएं अपनी क्षमता हर क्षेत्र में सिद्ध कर सकती हैं । फिर चाहे वह क्षेत्र राजनीति का हो या फिर प्रशासन का या फिर किसी भी क्षेत्र की जिम्मेदारी हो । मैं एप्रोचेवल एडमिनिस्ट्रेटर बनना चाहती हूं जो सबकी समस्यायें सुने ।
-युवा वर्ग को या अपने छात्रों के लिए कोई संदेश दीजिए ।
-मेरा संदेश भी कवितामय है :
बेहतर से बेहतर की तलाश करो 
मिल जाये नदी तो समंदर की तलाश करो 
टूट जाते हैं शीशे पत्थर की चोट से 
टूट जाये पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो ।
हमारी शुभकामनाएं ऋतु सिंह को ।