लाॅकडाउन ने बेटी वंशिका के साथ बच्चा बना दिया, कभी लूडो तो कभी सांप सीढ़ी खेलता हूं: सतीश कौशिक

प्रोड्यूसर, एक्टर व  हरियाणा फिल्म प्रमोशन बोर्ड के चेयरमैमैन सतीश कौशिक के साथ कमलेश भारतीय की इंटरव्यू  

लाॅकडाउन ने बेटी वंशिका के साथ बच्चा बना दिया, कभी लूडो तो कभी सांप सीढ़ी खेलता हूं: सतीश कौशिक
सतीश कौशिक।

हरियाणा के महेंद्रगढ़ के निकट गांव धनौंदा के मूल निवासी और दिल्ली में ग्रेजुएशन के बाद राज्य के पहले ऐसे कलाकार जो एनएसडी गये और फिर पहुंचे मुम्बई और खूब झंडे गाड़े । वे हैं छोरियां , छोरों से कम नहीं के प्रोड्यूसर और मुख्य एक्टर सतीश कौशिक । जो हरियाणा के फिल्म प्रमोशन बोर्ड के चेयरमैमैन भी हैं । फिल्म की रिलीज पर वे हिसार आए थे । हमारी बातचीत के लिए फिल्म के डायरेक्टर राजेश अमरलाल बब्बर ने कोशिश की और आप तक पहुंचा रहा हूं बातचीत । उनके पिता दिल्ली में काम करते थे इसलिए दिल्ली में ही सारी शिक्षा हुई ।
-कोरोना का समय कैसे बिता रहे हैं ?

-भाई । यह कोरोना ऐसा है कि इसने बेटी वंशिका के साथ बच्चा ही बना दिया । अपनी आठ साल की बेटी वंशिका के साथ कभी लूडो तो कभी सांप सीढ़ी खेल रहा हूं । इस कोरोना का सबसे बड़ा मेसेज यह कि अब शहरों से गांवों की ओर लौटिए ।गाँव ज़्यादा सुरक्षित हैं. अब हमें अपने गाँवों का इन्फ़्रास्ट्रक्चर ज़्यादा मज़बूत करना होगा
-जब कोरोना के कारण लाॅकडाउन की घोषणा हुई तो कहां थे आप ?
-हिमाचल में एमेजाॅन  की एक सीरीज की शूटिंग कर रहा था । वहीं पैकअप का संदेश मिला और मैं हालात देख कर दिल्ली भी नहीं रुका । सीधा मुम्बई पहुंच गया । मास्क वगैरह लेकर चला था । सोलह मार्च से मुम्बई में मेरा ऑफिस भी बंद है । 
-लाॅकडाउन में और क्या क्रिएटिव कर रहे हैं ? 
-जिंदगी को लाइक करो न । वीडियो चैनल शुरू कर रखा है । इस पर हंसाने की और ज़िंदगी जीने का संदेश दे रहा हूं । 
-लाॅकडाउन से पहले कोई खास प्लानिंग थी ?
-जी । एक बहुत दमदार फिल्म कागज़ रिलीज के लिए तैयार है। पंद्रह मई को रिलीज की प्लानिंग थी लेकिन अब कब हो पायेगी नहीं कह सकता । इसे सलमान खान प्रस्तुत करने जा रहे थे । पंकज त्रिपाठी मेन रोल में हैं । 
-कागज़ में क्या है ?
-यह सच्ची घटना पर आधारित है ।बायोपीक है
-आपने मुम्बई पहुंच कर शुरूआत कहां से की ?
- १९७९ में ८०० रूपये लेकर बंबई  गया था .एक टेक्स्टाइल मिल में भी एक साल नौकरी की । शाम के नाटक करता था । तब शशि कपूर जी ने पृथ्वी थियेटर शुरू किया ।वहाँ मेरा एक नाटक बिच्छू खूब चर्चित हुआ । इसके बाद शेखर कपूर का एसिस्टेंट बना । मासूम फिल्म में उनके साथ रहा । फिर मिस्टर इंडिया में निभाई कैलेंडर की भूमिका ने मुझे सपने पूरे करने के लिए आकाश दिया । 
-अब तक कितना काम कर लिया ?
-लगभग डेढ़ सौ फिल्में कर लीं । पांच छह प्रोड्यूस की हैं । चौदह पंद्रह फिल्में डायरेक्ट की हैं । 
-कुछ बहुत लोकप्रिय फिल्में?
-सलमान खान की तेरे नाम । तुषार कपूर और करीना कपूर की फिल्म मुझे कुछ कहना है । अनिल कपूर के साथ हमारा दिल आपके पास है ,हम आपके दिल में रहते हैं ,बधाई हो बधाई आदि । 
-हरियाणा के लिए क्या क्या किया ?
एन एस डी के बाद पूरे हरीयाणा में शरबती नामक नाटक किया। बंबई में फ़िल्म अब आयेगा मज़ा में पहली बार हरियाणवी रोल किया । राजाजी में गोबिंदा के साथ हरियाणवी रोल । रामलखन में अनुपम खेर के साथ जोड़ी । अब पिछले छह वर्ष से हरियाणा प्रदेश के लिए खासतौर पर काम । एक भव्य फ़िल्म छोरियाँ छोरों से कम नहीं होती की पिछले साल निर्माण किया..।सरकार ने फिल्म प्रमोशन बोर्ड का चेयरमैन बनाया है । हरियाणा की फिल्म इंडस्ट्री लाॅकडाउन के बाद कैसे खड़ी हो , इसकी चिंता रहती है । 
-क्या कहते हैं आप अपने सहयोगियों को ?
-अपने सहयोगियों राजेश अमरलाल बब्बर, अनिरूद्ध दवे , रश्मि सोमवंशी और निशांत कौशिक से कहता हूं कि हरियाणा की मिट्टी ने मुझे इतना कुछ दिया कि अब इस माटी के ऋण से उऋण होने का समय आ गया । गांव में पिता जी की स्मृति में मकान बनवाना है । वंशिका बेटी आठ साल की है और पत्नी शशि कौशिक गृहिणी । उसने घर का मोर्चा संभाले रखा तो मैं इतना कुछ कर पाया ।