पेंटिंग से मिलता है सुकून: युक्ति धीर 

एक बिजनेस मैन पिता सुदेश धीर और गृहिणी कंचन धीर की बेटी हैं वे

पेंटिंग से मिलता है सुकून: युक्ति धीर 

-कमलेश भारतीय 
पेंटिंग बनाने से मुझे सुकून मिलता है और लाॅकडाउन में मेरे इस शौक ने मुझे अकेला नहीं रहने दिया । यह कहना है पंजाब के लुधियाना की पेंटर आर्टिस्ट व फैशन डिजाइनर युक्ति धीर का । एक बिजनेस मैन पिता सुदेश धीर और गृहिणी कंचन धीर की बेटी हैं वे । सेक्रड हार्ट कान्वेंट स्कूल से जमा दो करने के बाद गवर्नमेंट काॅलेज से ग्रेजुएशन की । फिर दो साल का फैशन डिजाईनिंग का कोर्स किया -जे डी इंस्टिट्यूट से । कोर्स करते ही बुटिक शुरू किया । 
-पेंटिंग का शौक कब से ?

-बचपन से ही । स्कूल से घर आते ही पेंटिंग बनाने लग जाती थी । 
-मम्मी पापा ने कभी रोका नहीं ? 
-जी नहीं । मैं उनकी इकलौती बेटी जो हूं । वे खुश होते थे और आज भी खुश होते हैं ।
-कोई पुरस्कार?
-स्कूल के समय अनेक पुरस्कार मिलते रहे और गवर्नमेंट काॅलेज में फाइन आर्ट्स लिया था । वहां प्रशंसा खूब मिली । 
-आपका प्रिय आर्टिस्ट ?
-एम एफ हुसैन ।
-क्या क्या बनाती हो ?
-पेंटिंग्ज, अमूर्त , स्कैच । सब कुछ ।  सबसे ज्यादा सुकून मिला इस शौक से लाॅकडाउन में । मेरी बनाई पेंटिंग्ज सेल भी हुईं ।
-बूटिक और पेंटिंग से फुर्सत मिले तक क्या करती हो ?
-कुकिंग का बहुत शौक है सर । 
-हिसार कभी आई हो ? 
-एक माह में दो बार । सेक्टर चौदह में मेरी कजिन रहती है । और भूपेंद्रा स्पोर्ट्स वाले हमारे फैमिली फ्रेंड हैं । इस नाते हिसार आना जाना होता रहता है। -पेंटिंग एग्जीबिशन?
-लाॅकडाउन खुलते ही लगाऊंगी , सर ।  
-पेंटिंग और बूटिक एक बार कैसे ? 
डिजाईनिंग के लिए भी कुछ पेंटिंग आनी जरूरी है । 
हमारी शुभकामनाएं युक्ति धीर को ।