इंदौर की तर्ज पर रोहतक को स्वच्छ बनाने लिए एकजुट होंगे उद्योग और शिक्षा जगत
इंडस्ट्री-एकेडमिया मीट मे लिया आदर्श शहर बनाने का संकल्प।

रोहतक, गिरीश सैनी। शिक्षा और उद्योग के बीच मजबूत सेतु का निर्माण करने और उच्च शिक्षा को रोजगारोन्मुख, नवाचार-प्रेरित और सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाने के उद्देश्य से एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की अध्यक्षता में पहली बार इंडस्ट्री-एकेडमिया मीट का आयोजन हुआ।
इस बैठक में रोहतक के प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों, स्टार्टअप संस्थापकों, शिक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया औऱ रोहतक को इंदौर की तर्ज पर स्वच्छ और आदर्श शहर बनाने का संकल्प लिया। बैठक में तय किया गया कि उद्योग और विवि मिलकर न केवल शिक्षा व रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे, बल्कि शहर की स्वच्छता, नशा मुक्ति अभियान और पर्यावरण संरक्षण समेत अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक पहलों को भी गति देंगे।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एमडीयू केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और उद्योग के साथ मिलकर रोहतक को स्वच्छ, हरित और नशा मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एलपीएस बोसार्ड के एमडी राजेश जैन ने कहा कि शिक्षा, स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एमडीयू के साथ हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जब युवा पीढ़ी रोजगार और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों में आगे बढ़ेगी, तभी वास्तविक परिवर्तन संभव होगा।
रोहित स्टील और निखार कैमिकल्स प्रा. लि. के एमडी राजेन्द्र बंसल ने कहा कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। उद्योग यदि युवाओं के कौशल विकास और सामाजिक अभियानों से जुड़ेगा तो आने वाले समय में रोहतक पूरे देश में एक आदर्श उदाहरण बनेगा।
इस बैठक में उपस्थित इस्पात, वस्त्र, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, मनोरंजन और सेवा क्षेत्र से जुड़े उद्योगपति और युवा उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा किए और उद्योग जगत की बदलती जरूरतों पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य की पीढिय़ों को केवल डिग्री नहीं बल्कि कौशल, नवाचार और व्यावहारिक ज्ञान से सुसज्जित करना समय की मांग है।
विवि प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल प्लेसमेंट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य दीर्घकालिक साझेदारी, संयुक्त अनुसंधान, नवाचार को प्रोत्साहन और सामाजिक दायित्वों को साझा करना है। इस दौरान प्रमुख रूप से - इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के अवसर बढ़ाना, संयुक्त शोध परियोजनाओं को प्रोत्साहन देना, प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और उद्योग-समर्थित सुविधाएं विकसित करना, छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां एवं फेलोशिप उपलब्ध कराना, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देना, कार्यशालाओं, सम्मेलन और सामुदायिक कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन जैसे मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। इसके अतिरिक्त, उद्योग जगत ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत छात्र विकास, सांस्कृतिक संवर्धन और स्वच्छ-हरित परिसर निर्माण में सहयोग देने की भी इच्छा जताई।
इस कड़ी में एमडीयू में एक इंडस्ट्री रिलेशंस सेल की स्थापना की जाएगी, जो उद्योग से सतत संवाद और परियोजनाओं की निगरानी करेगी। इसी प्रकार, उद्योग घरानों में यूनिवर्सिटी रिलेशंस सेल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि दोनों पक्षों के बीच तालमेल लगातार बना रहे।
इस बैठक में प्रतिष्ठित उद्योगपति मनमोहन गोयल, जसमेर लाठर, अरविन्द, अंशुल रूहिल, अजय सांगवान, सरिता, सुरेश गुप्ता, चंद्र गर्ग, सतवंत हुड्डा, राजेश खेड़ा, अंकुर बतरा, एमएसएमई से नरेश कुमार जैन, संदीप, पारस आहूजा, हर्ष जैन सहित अन्य प्रतिष्ठित उद्योगपतियों ने अपने विचार रखे। यह पहल रोहतक को देशभर में शैक्षिक-औद्योगिक सहयोग के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।