भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता के सूत्र समाहित हैः डॉ. शरणजीत कौर

भारतीय लोक संस्कृति की सुंदर झलक दिखी 37वें इंटर यूनिवर्सिटी नॉर्थ वेस्ट जोन यूथ फेस्टिवल में।

भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता के सूत्र समाहित हैः डॉ. शरणजीत कौर

रोहतक, गिरीश सैनी । अनेकता में एकता, यही है भारत की विशेषता गीत की गूंज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे रंग-तरंग 37वें इंटर यूनिवर्सिटी नॉर्थ वेस्ट जोन यूथ फेस्टिवल को आज यादगार बना गया।

सोमवार को सुरीले गीतों की गूंज-अनुगूंज टैगोर सभागार में छाई रही। प्रतिभागी टीमों ने भारत, भारतीयता तथा भारत की सांस्कृतिक समृद्धता को अपने गीतों की माला में पिरोया।

दोपहर कालीन सत्र में टैगोर सभागार में भारतीय लोक संस्कृति की सुंदर झलक लोक नृत्य स्पर्धा में देखने को मिली। राधाकृष्णन सभागार में सम-सामयिक तथा सामाजिक मुद्दों पर अलख जगाते हुए स्किट प्रस्तुतियां दी। वहीं, प्रतिभागियों ने माइम इवेंट को प्रभावी मूकाभिनय से उपस्थित जन को मंत्रमुग्ध कर दिया।

एफडीसी में वाद-विवाद प्रतियोगिता में कृत्रिम बुद्धिमत्ता रचनात्मकता पर अंकुश लगा रही है, विषय पर प्रतिभागियों ने तर्कों के तीर चलाए। ललित कला इवेंट्स में आज आन द स्पॉट फोटोग्राफी, क्ले माडलिंग तथा इनस्ट्रालेशन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। प्रतिभागियों ने अपनी सृजनशीलता का सुंदर परिचय इन इवेंट्स में दिया।

भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डॉ. शरणजीत कौर सोमवार को बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुई। डॉ. शरणजीत कौर ने इस साहित्यिक-सांस्कृतिक महाकुंभ रंग-तरंग के प्रतिभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता के सूत्र समाहित हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी जड़ों से जुडऩे एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी, सहायक निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी, आयोजन समिति सदस्य इस अवसर पर उपस्थित रहे। इस अंतर-विश्वविद्यालय युवा महोत्सव का समापन 13 फरवरी होगा।