भारत में जैव-प्रौद्योगिकी और प्रोबायोटिक्स के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैः ब्राजीलियन वैज्ञानिक प्रो. स्वेतोस्लाव

एमडीयू में अंतरराष्ट्रीय ज्ञान कोर्स का शुभारंभ।

भारत में जैव-प्रौद्योगिकी और प्रोबायोटिक्स के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैः ब्राजीलियन वैज्ञानिक प्रो. स्वेतोस्लाव

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (ज्ञान) का शुभारंभ हुआ। यह सात दिवसीय कोर्स 18 अक्टूबर तक चलेगा।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कोर्स विद्यार्थियों और शोधार्थियों को वैश्विक ज्ञान और अनुभव प्रदान करते हैं। कुलपति ने ब्राज़ील के यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो के प्रोफेसर प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. स्वेतोस्लाव टोडोरोव का स्वागत करते हुए कहा कि उनके अनुभव से विवि समुदाय को लाभ मिलेगा।

विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. स्वेतोस्लाव टोडोरोव, जो प्रोबायोटिक्स और उनके औद्योगिक अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ हैं, इस कोर्स का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत जैसे देश में जैव-प्रौद्योगिकी और प्रोबायोटिक्स के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यदि युवा शोधार्थी अनुसंधान और नवाचार की दिशा में सतत प्रयास करें, तो वे वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोबायोटिक्स न केवल खाद्य उद्योग बल्कि पशु स्वास्थ्य, औषधि निर्माण और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

आईक्यूएसी निदेशक एवं स्थानीय समन्वयक प्रो. बी. नरसिम्हन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. के. तिवारी ने कोर्स की रूपरेखा एवं उद्देश्यों की जानकारी दी। प्रो. मीनाक्षी वशिष्ठ ने जीवन विज्ञान संकाय की गतिविधियों का परिचय कराया, जबकि प्रो. हरीश दुरेजा ने विवि की अनुसंधान उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. सी. मलिक ने विद्यार्थियों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एस. के. तिवारी ने किया। छात्रा दिव्या ने मंच संचालन किया। उद्घाटन दिवस पर प्रो. टोडोरोव ने पूर्वाह्न सत्र में दो व्याख्यान दिए तथा अपराह्न में प्रायोगिक सत्र का संचालन किया। कुल 43 प्रतिभागियों ने इस कोर्स में भाग लिया। प्रो. स्वेतोस्लाव टोडोरोव इस कोर्स के अंतर्गत 12 व्याख्यान, ट्यूटोरियल्स और प्रायोगिक सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रोबायोटिक्स के पृथक्करण, पहचान, गुणधर्म और उनके मानव एवं पशु स्वास्थ्य में उपयोगों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।