सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी के पहले सांगठनिक सम्मेलन में सात सदस्यों की कमेटी गठित

शिवम संयोजक, अंजलि व यशवंत सह संयोजक चुने गए।

सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी के पहले सांगठनिक सम्मेलन में सात सदस्यों की कमेटी गठित

रोहतक, गिरीश सैनी। पं. लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय में आयोजित सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी के पहले सांगठनिक सम्मेलन में सात सदस्यों की कमेटी गठित की गई। इस कमेटी में सर्वसम्मति से शिवम पांडे को संयोजक, यशवंत खन्ना को सह संयोजक, अंजली ग्रेवाल को सह संयोजक, अनन्या ढांडा, अशोक, दिव्यांश व चंचला शर्मा को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। सम्मेलन की शुरुआत में संगठन की साथी स्मृति पांडे और ओडिशा में हुए रेल हादसे के मृतकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

ध्यान रहे कि सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी छात्रों का, छात्रों के लिए और छात्रों द्वारा बनाया व चलाया जाने वाला पीएलसी सुपवा का छात्र संगठन है। सुपवा स्टूडेंट्स यूनिटी ने 12 से 22 मई तक पहला सदस्यता अभियान शुरू किया और परीक्षाओं का दबाव होने के बावजूद भी सदस्यता अभियान में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी ली। इस सदस्यता अभियान में 260 से अधिक विद्यार्थियों ने संगठन पर अपना विश्वास जताते हुए सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान विद्यार्थियों की बुनियादी समस्याएं सामने आई, जिनमें प्रशिक्षण के संसाधनों की कमी, नियमित कक्षाओं व कार्यशालाओं का ना लगना, व्यवस्थित क्लासरूम ना होना, बॉयज हॉस्टल ना होना, कैंटीन व स्टेशनरी आदि सुविधाएं न होना, समय-समय पर अकादमिक टूर/फील्ड स्टडीज ना होना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कमी,पर्याप्त पीने के पानी व सुचारू शौचालय न होना आदि शामिल हैं।

सुपवा स्टूडेंट यूनिटी संयोजक शिवम ने कहा कि संगठन के प्रमुख उद्देश्यों में छात्र- विश्वविद्यालय के आपसी संबंधों को मजबूत बनाना, संस्थान से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष करना, समय-समय पर रचनात्मक और कलात्मक कार्यक्रमों का आयोजन, शिक्षा में आलोचनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं। पिछले 35 दिनों से 7वें वेतनमान व पदोन्नति को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्राध्यापकों की मांगों का समर्थन करते हुए सुपवा स्टूडेंट यूनिटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द से जल्द शिक्षकों की मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।

सम्मेलन का मंच संचालन मोहम्मद नूरुद्दीन हसन व शशांक ने किया। सम्मेलन का समापन गीतों के साथ किया गया जिसमे धीरज, अरुण, मोनू, दिव्यांशु, हंसा, नवीन, रोहित, रजत, मानव, तृप्ति, चेतना आदि शामिल रहे।