आने वाले समय में विश्वविद्यालयों को विविधता की चुनौतियों से जूझना होगाः प्रो. वेद प्रकाश

आने वाले समय में विश्वविद्यालयों को विविधता की चुनौतियों से जूझना होगाः प्रो. वेद प्रकाश

रोहतक, गिरीश सैनी। विश्वविद्यालयों के भविष्य पर मानवता की प्रगति निर्भर है। भविष्य के विश्वविद्यालयों को समाज-राष्ट्र की उन्नति के साथ सामाजिक-आर्थिक-स्वास्थ्य संबंधित, वैज्ञानिक समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य करना होगा, ज्ञान के नए क्षितिज तय करने होंगे, प्रतिभाशाली कार्मिक तैयार करने होंगे, मानव कल्याण उन्मुख होना होगा। ये प्रेरणादायी विचार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगोर सभागार में - फ्यूचर यूनिवर्सिटीज विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।

प्रो. वेद प्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि आज विश्वविद्यालयों के समक्ष नेतृत्व का संकट, सुशासन का संकट, संसाधनों का संकट, मूल्यों का संकट है। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को न केवल शैक्षणिक नेतृत्व देना होगा, बल्कि कुशल प्रबंधक भी होना होगा। प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि विश्व के प्रतिष्ठित शोध विश्वविद्यालय सरकारी अनुदान (पब्लिक फंडेड) संस्थान हैं। आर्थिक संसाधन के बगैर विश्वविद्यालय प्रगति नहीं कर सकते।

प्रो. वेद प्रकाश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आने वाले समय में विश्वविद्यालयों को विविधता की चुनौतियों से जूझना होगा। विशेष रूप से विश्वविद्यालयों को सामाजिक-आर्थिक रूप से समाज के हाशिए पर रहने वाले विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करना होगा।

शैक्षणिक गुणवत्ता को सोशल कंस्ट्रक्ट की संज्ञा देते हुए प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि उच्चतर शिक्षा बगैर गुणवत्ता के अधूरी है। विद्यार्थियों में मूल्यों का संचरण करने का कार्य शिक्षक को ही करना होगा। भविष्योन्मुखी शिक्षा के दृष्टिगत विश्वविद्यालयों में भविष्य की रोजगार जरूरतों के अनुसार, भविष्य के वैश्विक जरूरतों अनुसार तथा भविष्य के ज्ञान-विज्ञान रुझान के अनुसार पाठ्यक्रम  सृजित करने की बात उन्होंने कही। अपने भाषण में विश्व के प्रसिद्ध दार्शनिक, वैज्ञानिक, विद्वान आदि के उदाहरणों के साथ प्रो. वेद प्रकाश ने अपनी बात रखी।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि समय की जरूरत है कि प्रतिभागितापूर्ण शिक्षा, टेक्नोलॉजी एनेब्लड शिक्षा, क्रिटिकल थिंकिंग को प्रोत्साहन देने वाली शिक्षा, स्टूडेंट सेंट्रिक शिक्षा तथा भविष्य परिदृश्य को ध्यान में रखकर सृजित की गई शिक्षा। कुलपति ने कहा कि भविष्योन्मुखी शिक्षा के लिए एमडीयू में टास्क फोर्स बनाया जाएगा।

कार्यक्रम के प्रारंभ में निदेशक इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल प्रो. बी. नरसिम्हन ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने मुख्यातिथि डा. वेद प्रकाश का परिचय दिया। आभार प्रदर्शन डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने किया। मंच संचालन इमसॉर की प्रोफेसर डॉ. दिव्या मल्हान ने किया। इस कार्यक्रम का आयोजन डीन, स्टूडेंट वेलफेयर तथा इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल ने किया। डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी तथा सहायक निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रताप राठी ने कार्यक्रम आयोजन सहयोग दिया।

एमडीयू की प्रथम महिला डॉ. शरणजीत कौर, सुपवा के कुलपति गजेन्द्र चौहान, आईजीयू, रेवाड़ी के कुलपति प्रो. जे.पी. यादव, एमडीयू रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा, फैकल्टी के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं निदेशक तथा प्राध्यापक, एमडीयू के शोधार्थी कार्यक्रम में मौजूद रहे।