अमृतसर में आयोजित हुई अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब की महत्वपूर्ण कार्यकारिणी बैठक

अमृतसर में आयोजित हुई अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब की महत्वपूर्ण कार्यकारिणी बैठक

अमृतसर, 23 जून, 2025: अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब प्रांत की कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक आज अमृतसर इकाई द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस बैठक में परिषद के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार, राष्ट्रीय मंत्री प्रो. नीलम राठी, प्रांतीय अध्यक्ष एवं गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील सहित पंजाब के विभिन्न जिलों से आए वरिष्ठ साहित्यकारों, शिक्षाविदों और पदाधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक का शुभारंभ परिषद के प्रेरणादायक गीत से हुआ और समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। यह बैठक दो सत्रों में आयोजित की गई। पहले सत्र में प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. सुनील ने पंजाब इकाई की अब तक की साहित्यिक गतिविधियों, आयोजनों और उपलब्धियों का विस्तारपूर्वक ब्यौरा दिया। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा साझा करते हुए साहित्यिक चेतना को गाँव-गाँव तक पहुँचाने पर बल दिया।

बैठक में पंजाब के विभिन्न शहरों से आए प्रतिनिधियों में डॉ. अजय शर्मा (शिरोमणि हिंदी साहित्यकार), डॉ. धर्मपाल साहिल (होशियारपुर), डॉ. जी.एस. बाजवा (समाजशास्त्र विभाग), डॉ. पवन कुमार शर्मा (धारीवाल), श्री रविन्द्र पठानिया (अमृतसर), डॉ. संजय चौहान, नीलांश मोदगिल, कीर्ति सिंह, भव्या, मोहम्मद बिलाल (मलेरकोटला), गुरसेवक सिंह (पटियाला), डॉ. लवलीन कौर, श्री रमन शर्मा (जालंधर), मुकेश कुमार (फरीदकोट), पायल (मोहाली), गुरशरन कुमार, अमरदीप सिंह (लुधियाना), राजवंत कौर (फिरोजपुर), लवली (नवांशहर), तथा जम्मू-कश्मीर से शशि कुमारी, पूजा और प्रीति शर्मा शामिल रहे।

द्वितीय सत्र में मनोज कुमार ने परिषद की स्थापना, उद्देश्य, राष्ट्र निर्माण में भूमिका और कार्य विस्तार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परिषद भारत की भाषाई विविधता को संरक्षित करते हुए भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने का कार्य कर रही है। उनका भाषण प्रेरक, सशक्त और दिशा-निर्देशक रहा।

राष्ट्रीय मंत्री प्रो. नीलम राठी ने अपने संबोधन में पंजाब इकाई की प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि अल्प समय में इकाई ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने साहित्यिक आयोजनों में युवाओं की सहभागिता और क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि काव्य गोष्ठियों, संगोष्ठियों और प्रतियोगिताओं के आयोजन से सांस्कृतिक चेतना को बल मिलता है।

प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. सुनील ने बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सतत साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस अवसर पर कहानी प्रतियोगिता के परिणाम भी घोषित किए गए, जिसमें हिंदी और पंजाबी भाषाओं में बड़ी संख्या में प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं।

बैठक में पहुंचे वरिष्ठ पदाधिकारियों का स्वागत प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा पंजाब की समृद्ध संस्कृति के प्रतीक *फुलकारी* और *पौधा* भेंट कर किया गया। इसके साथ ही गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आगामी व्याख्यानमाला की भी घोषणा की गई।

कुल मिलाकर यह बैठक विचार-विमर्श, मार्गदर्शन और भविष्य की कार्ययोजना तय करने के लिहाज़ से अत्यंत सार्थक और प्रेरणादायक रही।