ब्लूटूथ इस्तेमाल में सावधानी न बरतने पर हो सकते हैं साइबर धोखाधड़ी का शिकारः एसपी हिमांशु गर्ग

ब्लूटूथ इस्तेमाल में सावधानी न बरतने पर हो सकते हैं साइबर धोखाधड़ी का शिकारः एसपी हिमांशु गर्ग

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने बताया कि डिजिटल क्रांति के इस युग में हमारा ज्यादातर काम ऑनलाइन हो गया है। हम अपने मनोरंजन के साथ-साथ शॉपिंग से लेकर बिल भरने व बैंक से जुड़े विभिन्न काम करने के लिए ऑनलाइन इंटरनेट मोबाइल, लैपटाप या अन्य डिवाइस में प्रयोग करते है। कई बार जालसाज इन उपकरणों को विभिन्न तरीकों से हैक कर यूजर डाटा चुरा कर साइबर क्राइम को अंजाम देते है। साइबर अपराधी लोगों से ठगी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ को हथियार बना रहे हैं। पुलिस द्वारा समय-समय पर साइबर अपराध से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है, ताकि आमजन सतर्क व सचेत रहकर साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सके।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हम अक्सर मोबाइल, लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते है। साइबर ठग अपने मोबाईल फोन को हमारे ब्लूटूथ डिवाइस के साथ कनेक्ट कर अकाउंट में सेंध लगा सकते है। उन्होंने बताया कि ये साइबर ठग भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अपने मोबाईल फोन से अन्य व्यक्ति के मोबाईल फोन पर ब्लूटूथ कनेक्ट की रिक्वेस्ट सेंड करते है। जैसे ही किसी का मोबाइल फोन इनके ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होता है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते है और उसका सारा अकाउंट खाली कर देते है। उन्होंने बताया कि ऐसे अपराधों से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय एहतियात बरतें और किसी अनजान डिवाइस से आने वाले ब्लूटूथ कनेक्ट रिक्वेस्ट को न स्वीकारें।

पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अतिरिक्त अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में स्थापित साइबर हेल्प डेस्क या साइबर थाना मे शिकायत दें। साथ ही साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर काल करने वाले को अपना नाम, मोबाइल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है, धोखाधड़ी कैसे हुई आदि का संक्षिप्त विवरण देना होता है।