अगर पंजाब में चुनावी रैलियां हो सकती है तो फिर बच्चो के स्कूल बंद क्यों?

बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकार स्कूल खोलने के तुरंतआदेश दे: व्यापार मंडल

अगर पंजाब में चुनावी रैलियां हो सकती है तो फिर बच्चो के स्कूल बंद क्यों?

लुधियाना, 2 फरवरी, 2022: करोना की तीसरी लहर के बीच ही आज देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों की ओर से रैलियां भी की जा रही हैं। डोर टू डोर प्रचार भी किया जा रहा है।रात्रि कर्फ्यू भी पंजाब सरकार ने वापिस ले लिया है ।जब महामारी की तीसरी लहर के बीच देश में चुनाव हो सकते हैं, स्कूलों को पोलिंग बूथ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है तो फिर सरकार स्कूल बंद कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों कर रही है।  सरकार को करोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने के भी आदेश देने चाहिएं ताकि बच्चो में स्कूल जाने का रुझान पैदा हो सके।
उक्त शब्द पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल लुधियाना यूनिट की ओर से राज्य महासचिव सुनील मेहरा,जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड़,जिला महासचिव सुरिंदर अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहे। उन्होंने आगे कहा कि आज स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। कुछ बच्चे मजबूरी वंश ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कर सकते जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।  वहीं स्कूलों के साथ कई लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ है।  पिछले 2 साल से वो बेकार बैठे हैं। वहीं स्कूलों द्वारा भी बच्चों के माता-पिता से हर महीने फीस ली जा रही है।  उन्होंने केंद्र सरकार पंजाब सरकार चुनाव कमीशन से मांग की अगर आप  रैलियां करने की आज्ञा दे सकते हो, चुनाव करवा सकते हो तो बच्चों के भविष्य को देखते हुए व करोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्कूल खोलने के आदेश दें जिससे बच्चों का भविष्य संवर सके और स्कूलों के साथ रोजगार करने वालों का भी काम चल सके।