युवाओं की आइकाॅन बन सकूं, यही तमन्ना: रीना भट्टी 

युवाओं की आइकाॅन बन सकूं, यही तमन्ना: रीना भट्टी 
रीना भट्टी।

-कमलेश भारतीय 
युवाओं के लिए आईकाॅन बन सकूं ।।यही तमन्ना है मेरी । यह कहना है पर्वतारोही रीना भट्टी।  रीना मूल रूप से गांव बालक की निवासी है और आठवीं तक की शिक्षा गांव में ही की ।  पापा बलवान सिंह हिसार आ गये । वे ऑटो मार्केट में ट्रेक्टर वर्कशाॅप चलाते हैं ।
 

-बाकी पढ़ाई कहां की ?
-पोलिटेक्निक काॅलेज में कम्प्यूटर कोर्स किया । इसके बाद ओडियम काॅलेज से कम्प्यूटर में मास्टर्स किया । 
-किन गतिविधियों में भाग लेती थी स्कूल काॅलेज में ?
-स्कूल के दिनों में कबड्डी खिलाड़ी थी । काॅलेज के दिनों में डांस प्लेयर ।      

-पर्वतारोहण में रूचि कैसे ?
-तीन बार अमरनाथ यात्रा पर गयी ।  दोनों रास्तों से । मनाली से अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण परीक्षण संस्थान से बेसिक, अडववास कोर्स किया. 
लेह लद्दख के 65km में चादर ट्रेक को पार किया! इसके  बालचंद्रा पीक, फ़्रेंड्शिप पीक , ब्यासकुंड ट्रेक, पटलसु ट्रेक, वशिठ वॉटरजोगिनो फ़ॉल, बरमटाल ट्रेक, ओर केदारकंठा पीक को समिट किया हुआ है! इंटर्नैशनल में दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी कीलीमंजारो को विजय किया । हाल ही में बिकट अडवेंटेर कम्पनी के साथ 36लोगों की टीम को टीम लीडर के रूप में केदारकंठा पीक को समिट कराया.! कबड्डी खिलाड़ी थी तो आगे कुछ बड़ा करूं ।
-इन अभियानों के लिए कोई सरकारी मदद ?
-नहीं सर । कुछ प्राइवेट कम्पनियों की मदद मिली । बाकी सब घर से ही लगाया । परिवार ने सहयोग दिया ।
कहाँ काम कर रही हो?
सन 2009 से पैनसॉनिक सर्विस में कार्यकर्त हूँ. 

-मम्मी का योगदान?
-मां बाला देवी का पूरा प्यार और योगदान । तभी तो मदर्स डे पर उनके सम्मान में एक सौ पांच किलोमीटर साइकिल चलाया।  
-लक्ष्य ?
-माउंट एवरेस्ट विजय और याद आईकाॅन बनने की तमन्ना। 
-किसी एनजीओ से जुड़ी हो ?
-जी । द इंस्पाइरिग इंडिया  जो विनेश नागपाल चलाते हैं ।
हमारी शुभकामनाएं रीना भट्टी को ।