एंकरिंग से खुद के ही व्यक्तित्व को खोजती हूं: भूमिका शर्मा 

एंकरिंग से खुद के ही व्यक्तित्व को खोजती हूं: भूमिका शर्मा 
भूमिका शर्मा।

-कमलेश भारतीय 
मैं एंकरिंग करते समय जैसे खुद के व्यक्तित्व को ही खोजती हूं । यह कहना है हरियाणा की अच्छी एंकर में से एक भूमिका शर्मा का । जो मूलतः सोनीपत के गांव हरसाना कलां की निवासी है और मैट्रिक तक की शिक्षा सोनीपत के हिंदू कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की । बाद में बीएससी फीजिक्स ऑनर्स दिल्ली से तो भौतिक में स्नातकोत्तर एमडीयू के हिंदू गर्ल्स काॅलेज से की । फिर मेरठ की स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी से जनसंचार की दो वर्ष की डिग्री । अब फगवाड़ा की लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हूं ।
-जाॅब ? 

-सोनीपत के जीवीएम गर्ल्स काॅलेज में भौतिकी विषय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर व आकाशवाणी रोहतक पर उद्घोषिका ।  
-एंकरिंग या कला का शौक कब से ?
-सातवीं कक्षा से । स्कूल में प्रतिदिन शुभ विचार व दैनिक मुख्य समाचार प्रस्तुत करती थी व अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने लगी जैसे भाषण प्रतियोगिता और वाद विवाद प्रतियोगिता आदि ।
-काॅलेज तक कैसे?
-दिल्ली में तो कम लेकिन रोहतक में एम एस सी करते समय युवा समारोह में हर स्तर पर प्रतियोगितायें जीतीं।  
-फिर आकाशवाणी पर कैसे ?
-अनाउंसर के लिए विज्ञापन देखा और अप्लाई किया ।चुनी गयी और एक सप्ताह की ट्रेनिंग हुई वाणी कोर्स के नाम से । इसके अध्यापन के साथ साथ आकाशवाणी व हिसार दूरदर्शन पर एंकरिंग के अनेक अवसर । 
- पहली बड़ी ब्रेक?
-सोनीपत में जनसेवा चैरिटेबल ट्रस्ट ने सोनीपत दिवस मनाया, बड़े स्तर पर और मुझे एंकरिंग के लिए चुना। फिर बोल हरियाणा रेडियो चैनल का कार्यक्रम हुआ एमडीयू में जिसकी एंकरिंग मैंनें की। तब शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा मुख्यातिथि थे । मां सरस्वती के आशीर्वाद से मेहनत की बदौलत ऐसे अनेक अवसर आते गये और पहचान मिलती गई।।
-पुरस्कार ?
-युवा समारोहों में अनेक पुरस्कार । राष्ट्रीय स्तर पर चौथे नम्बर पर रही, राष्ट्रीय युवा महोत्सव में जो लखनऊ में हुआ था । 
-एंकरिंग से क्या संतुष्टि मिलती है ?
-अपनी ही भूमिका को नये सिरे से खोजती हूं हर बार । 
हमारी शुभकामनाएं भूमिका शर्मा को ।