युवाओं के लिए “ग्लोबल पासपोर्ट” बनी हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्रीः प्रो. आशीष दहिया

12वीं के बाद हॉस्पिटैलिटी-टूरिज्म क्षेत्र में उपलब्ध करियर विकल्प पर सत्र आयोजित।

युवाओं के लिए “ग्लोबल पासपोर्ट” बनी हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्रीः प्रो. आशीष दहिया

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट (आईएचटीएम) के निदेशक प्रो. आशीष दहिया ने “युवाओं का ग्लोबल पासपोर्ट: हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्री—12वीं के बाद शानदार करियर विकल्प” विषय पर आयोजित एक सत्र में कहा कि सीबीएसई के 10+2 परिणाम शीघ्र आने की संभावना है। यही वह क्षण है जब विद्यार्थी पारंपरिक धारणाओं से आगे बढ़कर एक रोमांचक करियर की राह चुन सकते हैं। हॉस्पिटैलिटी-टूरिज्म क्षेत्र उन्हें यह सुनहरा अवसर देता है।

प्रो. आशीष दहिया ने कहा कि भारत की हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल इंडस्ट्री देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए हर साल लाखों नई नौकरियां सृजित कर रही है। यात्राओं में आई तेजी, वैश्विक आयोजनों और डिजिटल बुकिंग प्लेटफॉर्म्स ने इस क्षेत्र को और मजबूती दी है। विदेश घूमने-फिरने का जुनून हो या अपने शहर में पर्यटकों को आतिथ्य का अनुभव कराना, यह इंडस्ट्री युवाओं के लिए “ग्लोबल पासपोर्ट” बन चुकी है।

उन्होंने बताया कि आज ताज होटल जैसे भारतीय होटल ब्रांड पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा चुके हैं। इसके अलावा ललित, आईटीसी, बीकानेरवाला, हल्दीराम, मेक माई ट्रिप, यात्रा जैसे भारतीय आतिथ्य और पर्यटन समूह अपनी अविश्वसनीय सेवा के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि एआई-समर्थित स्मार्ट-होटल, ग्रीन टूरिज्म, सांस्कृतिक इमर्सिव एक्सपीरियंस, डेस्टिनेशन वेडिंग, आउटडोर कैटरिंग, एमआईसीई और ऑनलाइन ट्रैवल सर्विसेज सबसे तेज़ उभरते उपखंड हैं।

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प्रो. आशीष दहिया ने बताया कि हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल में 10+2 के बाद प्रमुख पाठ्यक्रमों में बी.एच.एम.सी.टी. (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी), बी.टी.टी.एम. (पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन स्नातक), पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एम.एच.एम.सी.टी. ( मास्टर ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी) शामिल हैं। इसके साथ ही, डिप्लोमा में  फ़ूड प्रोडक्शन, बेकरी, हाउसकीपिंग व फ़्रंट ऑफ़िस, सर्टिफ़िकेट कोर्स में फ़ूड ट्रक ऑपरेशंस, टूर गाइडिंग व कलिनरी आर्ट तथा वैल्यू-ऐडेड स्किल्स में बारिस्ता, मिक्सोलॉजी व डिजिटल कंटेंट क्रिएशन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन कोर्स में दाखिले के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास (कम से कम 45% अंक) के साथ-साथ ‘अतिथि देवो भव’ का भाव और सीखने का जज्बा अनिवार्य है।