प्राचीन काल से ही भारत में लोकतंत्र की जड़ें चली आ रही हैंः  उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह

प्राचीन काल से ही भारत में लोकतंत्र की जड़ें चली आ रही हैंः  उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में प्राचीन काल से ही लोकतंत्र की जड़ें चली आ रही है। ऋग्वेद और अथर्ववेद में ऐसी  संस्थाओं का उल्लेख मिलता है, जो प्रारंभिक काल में सार्वजनिक भागीदारी और समतावादी शासन का संकेत देते है।

उपायुक्त ने बताया कि सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लगाई गई 10 दिवसीय प्रदर्शनी में भारत में प्राचीन काल से चली आ रही लोकतंत्र की जड़ों के साक्ष्यों को प्रदर्शित किया गया है। अथर्ववेद व ऋग्वेद में सभा, समिति और संसद जैसी संस्थाओं का विवरण मिलता है। बौद्ध संघ और जैन ग्रंथों के ऐतिहासिक विवरण निर्णय लेने में लोगों की भूमिका को दर्शाते हैं।  

उपायुक्त ने बताया कि इस 10 दिवसीय प्रदर्शनी में लोकतांत्रिक परंपराओं के मूल में बसे जन केंद्रित दृष्टिकोण और जनभागीदारी को भी दर्शाया गया है। वेदों में जनकल्याण, कानून के शासन और शासन में बहुस्तरीय निर्णय लेने पर जोर दिया गया है। सम्राट अशोक ने 265-238 ईसा पूर्व के आसपास जिम्मेदार जन केंद्रित शासन को अपनाया।