लघुकथा /गृहस्थी 

लघुकथा /गृहस्थी 
कमलेश भारतीय।

-सुनो ।
-कहो ।
-कोई तुमसे मेरा अता पता पूछे तो कुछ मत बताना। । यही कहने कि इनके बारे में कुछ हीं जानती । 
-क्यों ?
-समझा करो ।
-अच्छा । समझ गयी। 
-क्या समझी ?
-गृहस्थी । 
-बड़ी सयानी। 
-हां । तुम भी । 
-कैसे ?
-गृहस्थी और प्रेम एक साथ ।
-छोड़ो यार ।
-छोड़ दिया ।
-कब तक चलेगा यह ?
-हां । जानता हूं । हमेशा नहीं ।
-फिर ?
-आदमी का मन । और क्या ?
-हा । हा । हा ।
-कमलेश भारतीय