हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीयता की आत्मा हैः कुलपति प्रो. एच.एल. वर्मा

बीएमयू में हिंदी दिवस पर साहित्यकारों का सम्मान और नई पुस्तकों का विमोचन।

हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीयता की आत्मा हैः कुलपति प्रो. एच.एल. वर्मा

रोहतक, गिरीश सैनी। बाबा मस्तनाथ विवि में हिंदी दिवस पर भाषा विभाग (हिंदी) द्वारा “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की बढ़ती संभावनाएं” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. एच.एल. वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। कुलपति ने हिंदी को राष्ट्र की आत्मा बताते हुए उसकी प्रयोगशीलता, राष्ट्रीय एकात्मता में भूमिका तथा समकालीन परिप्रेक्ष्य में इसकी बहुआयामी उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीयता की आत्मा है। विवि प्रशासन का प्रयास है कि शोध, लेखन और शिक्षा में हिंदी को प्राथमिकता दी जाए।

 

बतौर मुख्य अतिथि, प्रो. लालचंद गुप्त मंगल ने कहा कि हिंदी केवल संपर्क भाषा ही नहीं, बल्कि संस्कृति और संवेदना को जोड़ने वाली सशक्त धारा है। आज वैश्विक स्तर पर हिंदी साहित्य, पत्रकारिता, फिल्म, सोशल मीडिया और तकनीकी क्षेत्र में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही है।

 

विशिष्ट अतिथि डॉ. कमलेश कुमारी (केंद्रीय विवि, महेंद्रगढ़) ने कहा कि हिंदी दिवस हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गौरव और जिम्मेदारी दोनों का बोध कराता है। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. नवीन कपिल ने हिंदी के अर्थ-समर्थ स्वरूप, साहित्यिक महत्व तथा लोकजीवन से उसके अभिन्न संबंध का विवेचन किया। अधिष्ठाता डॉ. बी.एम. यादव ने आभार व्यक्त किया।

 

कार्यक्रम में डॉ. राजेंद्र सिंह, डॉ. मुक्ता, डॉ. ज्ञानी देवी, डॉ.लहना सिंह सहित अन्य विद्वानों और लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा स्थानीय साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया।