स्वास्थ्य वाहिनीः महिलाओं के स्तन कैंसर की शुरुआती दौर में पहचान के लिए जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण पहल

ग्रामीण क्षेत्रों में घर द्वार पर पहुंच रही मोबाइल मैमोग्राफी वैन।

स्वास्थ्य वाहिनीः महिलाओं के स्तन कैंसर की शुरुआती दौर में पहचान के लिए जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण पहल

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य वाहिनी केवल एक स्वास्थ्य जांच शिविर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य समानता का एक जन आंदोलन है। गांव तक उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाकर हम शीघ्र पहचान, सम्मान और समय पर उपचार सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि रोहतक की कोई भी महिला कैंसर से अकेले संघर्ष न करे। यह पहल उपचार केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर निवारक एवं सक्रिय स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है और हरियाणा के अन्य जिलों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करती है।


उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि निवारक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और बीमारियों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए जिला प्रशासन रोहतक ने स्वास्थ्य वाहिनी की शुरुआत की है। यह मिशन मोड पर आधारित एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं वंचित क्षेत्रों में उन्नत जांच एवं चिकित्सा सेवाएँ सीधे नागरिकों के द्वार तक पहुँचाना है। इस पहल का मुख्य फोकस स्तन कैंसर की प्रारंभिक पहचान पर है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, महंगी जांच तथा विशेषज्ञ सुविधाओं की सीमित उपलब्धता के कारण अक्सर देर से सामने आता है। मोबाइल मैमोग्राफी वैन और सुव्यवस्थित स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य वाहिनी महिलाओं को नि:शुल्क, जीवन रक्षक जांच सेवाएँ उनके घर के पास ही उपलब्ध करवा रही है।


उपायुक्त ने कहा कि 35 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए 100 प्रतिशत मैमोग्राफी स्क्रीनिंग की सुविधा है। कैंप मोड सैचुरेशन रणनीति के तहत प्रत्येक गांव एवं शहरी वार्ड में 1 से 3 दिन तक शिविर आयोजित कर 6-चरणीय कैंसर शील्ड प्रोटोकॉल, जिसमें शारीरिक जांच से लेकर रेफरल और उपचार तक निरंतर मार्गदर्शन शामिल है। एनीमिया नियंत्रण, मुख स्वास्थ्य जांच, एनसीडी प्रबंधन तथा आभा आईडी जनरेशन सहित डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का एकीकरण किया जा रहा है।


उपायुक्त ने कहा कि खंड सांपला तथा गीता जयंती महोत्सव (नवंबर-दिसंबर 2025) के दौरान किए गए पायलट चरण में 8,086 नागरिकों ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया, जिसमें 1,082 महिलाओं की स्तन कैंसर स्क्रीनिंग की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में 469 हाई-टेक मैमोग्राफी जांच की गई, जिनमें से 106 गंभीर एनीमिया मामलों की पहचान कर त्वरित उपचार सुनिश्चित किया गया।

 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य वाहिनी एक मजबूत सार्वजनिक-निजी-सीएसआर साझेदारी पर आधारित है, जिसमें सीएसआर साझेदार मोबाइल डायग्नोस्टिक ढांचे के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करते हैं। उपायुक्त ने कहा कि पायलट की सफलता के बाद जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य वाहिनी को कलानौर, लाखनमाजरा और महम सहित रोहतक के सभी खंडों में विस्तार देने की योजना बनाई है।