समाचार विश्लेषण/हरियाणा प्रदेश कांग्रेस- दिल से दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिये 

समाचार विश्लेषण/हरियाणा प्रदेश कांग्रेस- दिल से दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिये 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
भारत जोड़ो यात्रा की लोकप्रियता से गद्गद् कांग्रेस ने यात्रा के समापन होने से पहले ही नये अभियान हाथ से हाथ जोड़ो की घोषणा कर दी थी । यहां तक कि एक युवा काग्रेस नेता ने भी एक यात्रा शुरू करने का विचार बनाया था । यहां तक कि हरियाणा के निर्दलीय विधेयक बलराज कुंडू ने भी इससे प्रेरणा लेते हुए हरियाणा में राजनीतिक यात्रा की और आजकल सब जानते हैं कि इनेलो के अकेले विधायक अभय चौटाला भी परिवर्तन यात्रा पर हैं । हालांकि उनकी भाभी   विधायक नैना चौटाला कहती हैं कि क्या फर्क पड़ेगा, एक ही विधायक है एक ही रहेगा ! इस तरह यात्रायें बहस का विषय भी बनी हुई हैं । कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना करते विपक्षी नेताओं ने कहा कि पहले दिल से दिल तो मिला लो , कांग्रेस को तो एकजुट कर लो , फिर भारत को भी एकजुट कर लेना ! इसी प्रकार वरिष्ठ नेता चौ बीरेन्द्र सिंह भी कहते हैं कि यह पहले वाली कांग्रेस नहीं रही ! 
अब हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की भी विपक्ष इसी तरह आलोचना करने लगा है । कांग्रेस की हरियाणा में आपसी फूट और गुटबाजी विपक्षी नेताओं के निशाने पर है । इसलिये कह रहे हैं कि हाथ से हाथ जोड़ो से पहले आपस में तो हाथ जोड़कर लीजिए ! 
वैसे बात कुछ हद तक सही भी लगती है । एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नये प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के साथ कांग्रेस की ओर से विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम शुरू किया तो दूसरी तरफ पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शैलजा ने ही इसकी आलोचना करते कहा कि इस अभियान का कोई औचित्य नजर नहीं आता जबकि अभी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चल रहा है । फिर इस अभियान की क्या जरूरत ? मुझे तो इसकी कोई जानकारी भी नहीं और बुलावा भी नहीं । इसी तरह पूर्व मंत्री किरण चौधरी भी अपने अभियान में लगी हैं -कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात ! अब इसका औचित्य नहीं पूछा शैलजा ने ! उधर राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला अभी तक तो कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं , वहां से लौटकर क्या मूड है , यह पता चलेगा ! जब मिल बैठेंगे तीन कांग्रेस नेता ! तब क्या होगा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का ! यह तो ऊपर वाला ही जानता है ! हम तो बशीर बद्र के शब्दों में इतना ही कह सकते हैं : 
यह नये मिजाज का शहर है 
जरा फासले से मिला करो 
कोई हाथ भी न मिलाएगा 
जो गले मिलोगे तपाक से ! 

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।