गुजवि को मिली एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) के लिए मान्यता
चार वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन कार्यक्रम के तहत होंगी 100 सीटें।
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अब भविष्य के शिक्षक भी तैयार करेगा। आगामी शैक्षणिक सत्र से गुजवि में बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड कोर्स भी करवाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), दिल्ली ने गुजवि को एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) के लिए मान्यता प्रदान कर दी है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि शिक्षकों को उनकी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत से ही आवश्यक कौशल एवं ज्ञान के साथ सशक्त बनाने के लिए आईटीईपी ने बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड के विषयों को विलय करते हुए एक व्यापक चार वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत गुजवि में 100 सीटें होंगी, इनमें से 50 सीटें कला तथा 50 सीटें विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के लिए होंगी।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि आईटीईपी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के सिद्धांतों व उद्देश्यों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। गुजवि भविष्य के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने, अत्याधुनिक पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने, अनुसंधान तथा अन्य बुनियादी जानकारियों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ उच्च स्तरीय शिक्षा के मानकों को स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि आईटीईपी का लक्ष्य ऐसे सर्वगुण संपन्न शिक्षकों को तैयार करना है, जो पारंपरिक ज्ञान व आधुनिक शिक्षा शास्त्र के बीच संतुलन बनाकर उन्हें एआई-जनित सामग्री सहित तकनीकी प्रगति से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि बीएससी-बीएड व बीए-बीएड पाठ्यक्रम में दाखिला एनटीए पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किए जाएंगे।
Girish Saini 


