भभकती गर्मी, घटती नमकीन और संस्कृत का तड़का

सुबह डबलरोटी खरीदी तो दुकानदार ने कहा कि साहब दाम बढ़ गए हैं, फिर टीवी पर न्यूज देखी तो सुनने को मिला कि दुनिया में गेहूं का संकट गहरा रहा है। भारत ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है।

भभकती गर्मी, घटती नमकीन और संस्कृत का तड़का

सुबह डबलरोटी खरीदी तो दुकानदार ने कहा कि साहब दाम बढ़ गए हैं, फिर टीवी पर न्यूज देखी तो सुनने को मिला कि दुनिया में गेहूं का संकट गहरा रहा है। भारत ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। रूस और यूक्रेन गेहूं के बड़े एक्सपोर्टर हैं और दोनों आपस में उलझे हुए हैं। ऐसे में कई देशों में गेहूं की कमी हो गई है। यह कमी आगे और बढ़ेगी। ऐसी परेशानियों के लिए लोग रूस के जिद्दी राष्ट्रपति पुतिन की आलोचना कर रहे हैँ। कोरोना के बाद रूस-यूक्रेन के बेतुके और लंबे खिंचते युद्ध ने दुनिया में कई तरह की परेशानियां बढ़ा दी हैं। गेहूं और खाद्य तेलों की कमी के चलते पैकेटबंद नमकीन, ब्रेड, चिप्स और बिस्किट आदि के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन चतुर कंपनियां इसमें एक गेम खेल रही हैं। वे दाम बढ़ाने के बजाए पैकेट का साइज घटा रही हैं। दाम न बढ़ने से ग्राहक को पता नहीं चलता, हालांकि छोटा पैकेट देखकर थोड़ी दुविधा तो होती है। यह भी हो रहा है कि कुछ प्रोडक्ट शहरों में महंगे बेचे जा रहे हैं, लेकिन गांवों में उनकी कीमत न बढ़ा कर वजन कम कर दिया गया है।

गर्मी पूरे शबाब पर है। बांदा पिघल रहा है - यूपी का एक छोटा सा शहर। रविवार को वहां तापमान 49 डिग्री पहुंच गया, दुनिया में सबसे अधिक। गर्मी के लिए ही सही, बांदा मौसम के अंतर्राष्ट्रीय राडार पर आ गया। कौन कब चमक जाए, किस बात के लिए चर्चा में आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। इसलिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, हर स्थिति के लिए। अनुपम खेर अपने एक शो में कहते हैं न – कुछ भी हो सकता है। मानसून अपने निर्धारित समय से थोड़ा पहले, 27 मई को केरल पहुंचने का अनुमान है। हालांकि वहां बारिश अभी भी हो रही है, भले ही यह मानसून की बारिश नहीं है। गर्मी बढ़ने के साथ लोग पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। पहाड़ों पर धर्म की बात भी जुड़ जाए, तो कहना ही क्या। शायद इसीलिए, चारधाम यात्रा पर जाने के लिए आपाधापी मची है। रास्ते में 34 यात्रियों की मृत्यु हो गई। 3 मई से 15 मई तक 13 लाख यात्री चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। रास्ते में मरने वालों में ज्यादातर ऐसे मिले हैं जिन्हें पिछले साल कोविड हुआ था और फेफड़े कमजोर हैं। ऊंचाई वाले स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी होती है और फेफड़े साथ नहीं दे पाते, इसलिए मौत हो जाती है।

जिनके फेफड़े कोविड में कमजोर हो चुके हैं उन्हें चारधाम या लद्दाख जैसे ऊंचे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए या मेडिकल चैकअप कराने के बाद ही जाने के बारे में सोचना चाहिए। पूजा पाठ के मंत्र प्राय: संस्कृत में होते हैं और संस्कृत प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। गूगल ने अपने ट्रांसलेशन ऐप में 133 भाषाओं की सूची में संस्कृत को भी शामिल कर लिया है। संस्कृत के अलावा भोजपुरी, डोगरी सहित भारत की कुल 24 भाषाएं गूगल ट्रांसलेशन का हिस्सा हैं। विश्व में ज्ञान और संस्कृति के आदान प्रदान में अनुवाद का बड़ा महत्व है। अनुवाद के बाद ही एक भाषा का साहित्य दूसरी भाषा जानने वालों के बीच पढ़ा जाता है। अनुवाद न हो तो भारत की विभिन्न भाषाओं और दुनिया के अन्य देशों की भाषाओं का साहित्य अपने दायरे से बाहर ही न निकल पाए।  

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)