सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को अपने हाल पर छोड़ा, नहीं की कोई मददः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

बाढ़ ग्रस्त गांवों का दौरा करने पहुंचे हुड्डा ने अधिकारियों को दिए जल निकासी के निर्देश।

सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को अपने हाल पर छोड़ा, नहीं की कोई मददः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

रोहतक, गिरीश सैनी। जान-माल के भयंकर नुकसान के बावजूद अब तक बीजेपी-जेजेपी सरकार नहीं जागी है। ऐसा लगता है कि सरकार ने बाढ़ पीड़ित जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। लगातार प्रदेशभर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हुड्डा बुधवार को रोहतक के बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे। उन्होंने रिठाल, काहनी, घिलौड़, जसिया, ब्राह्मणवास, बसंतपुर, धामड़, मकड़ौली कलां, किलोई, रुड़की, पोलंगी, मुंगाण गांव का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनीं। इससे पहले उन्होंने रोहतक शहर में सुखपुरा चौक समेत कई इलाकों में जलभराव का भी जायजा लिया।

हुड्डा ने बताया कि जनता को सरकार की कारगुजारियों का भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। शहरों में सीवरेज और गांव में ड्रेन की सफाई नहीं होने की वजह से जलभराव की समस्या ने विकराल रूप लिया है। हर बारिश के बाद शहर की गलियों और सड़कों पर पानी खड़ा हो जाता है। खेतों में भी कई-कई फीट पानी खड़ा हुआ है। रोहतक समेत पूरे हरियाणा में किसानों की लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। जलभराव की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि अगले सीजन के लिए भी बुवाई संभव नहीं है। और ये खुलासा हो चुका की बीमा कंपनियां जितना प्रीमियम किसान , केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से लेती है। उसका मुआवजे के रूप में 10% भी नहीं लौटाती है। बीजेपी जेजेपी सरकार कंपनियों की मददगार है। आम जनता तो मदद के लिए तरसती है ।

बहरहाल आपदा में जनता की मदद करना सरकार काम है ,ऐसे में किसान व आम जनता की मदद के लिए सरकार को हर संभव कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि सरकार किसानों को 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे। पानी भरने की वजह से खेतों में लगी पानी की मोटर और पंपसेट भी खराब हो गए हैं। खेत में बने तमाम कोठडे भी डूब चुके हैं। इसके लिए भी किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। किसानों के सामने पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत खड़ी हो चुकी है। सरकार को चारे की व्यवस्था करवानी चाहिए। साथ ही मकानों, दुकानों व कारोबार को हुए नुकसान की भरपाई भी तुरंत प्रभाव से की जानी चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब तबके को उठाना पड़ा है। गांव के खेती मजदूरों तो इस बार काम भी नहीं मिल पाया। ऐसे में सरकार को मनरेगा मजदूरों को कम से कम 30 दिन की अतिरिक्त दिहाड़ी का भुगतान करना चाहिए। जनता को राहत देने के साथ जल निकासी के लिए सरकार को युद्ध स्तर पर काम करना होगा। हुड्डा ने अधिकारियों से फोन पर बात करके उन्हें हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद बीजेपी-जेजेपी सरकार ने वक्त रहते कदम नहीं उठाए। प्रत्येक गांव में लोगों ने बताया कि पिछले कई सालों से सरकार ने ड्रेन्स की सफाई नहीं करवाई है। ड्रेन, नदियों और नहरों के तटबंधों को भी मजबूत नहीं किया गया। इस वजह से लगभग पूरे हरियाणा को बाढ़ का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं अवैध खनन करके खनन माफिया ने नदियों के बहाव का रुख ही मोड़ दिया। अवैध खनन का यह कार्य सरकार के संरक्षण में चल रहा है। यह भी बाढ़ का बहुत बड़ा कारण साबित हुआ।

पोर्टल के जरिए मुआवजा देने पर आपत्ति दर्ज करवाते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले से आपदा की मार झेल रही जनता को सरकार जानबूझकर पोर्टल के हवाले कर रही है। ऐसा करके वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। क्योंकि सरकार की मंशा पीड़ितों को मुआवजा देने की नहीं बल्कि टालमटोल करने की है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार पोर्टल का जंजाल बिछाने की बजाए जनता की तरफ राहत का हाथ बढ़ाए। हुड्डा ने दोहराया कि बाढ़ पीड़ित जनता की समस्याओं और मांगों को कांग्रेस विधानसभा में उठाएगी।