जीएनडीयू के प्रोफ़ेसर सुनील कुमार को मिला अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान-2025

जीएनडीयू के प्रोफ़ेसर सुनील कुमार को मिला अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान-2025

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिंदी-विभाग के अध्यक्ष और डीन, भाषा-संकाय प्रोफ़ेसर सुनील कुमार को भारतीय-नॉर्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नॉर्वे और स्पाइल दर्पण द्वारा साहित्य में विशिष्ट अवदान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान-2025 से अलंकृत किया गया है। गौरतलब है कि प्रो. सुनील कुमार शिक्षण, शोध और लेखन के क्षेत्र में निरंतर सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वे अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब के प्रांतीय अध्यक्ष भी हैं तथा विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों के माध्यम से जनसामान्य में सांस्कृतिक व सामाजिक मूल्यों की स्थापना के अतुलनीय कार्य कर रहे हैं। इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुने जाने  पर देश-विदेश के अनेक  विद्वानों ने प्रो. सुनील कुमार को बधाई दी है।

प्रो. सुनील कुमार ने उक्त सम्मान के लिए भारत-नार्वेजीय सांस्कृतिक फोरम, नार्वे और स्पाइल दर्पण का आभार जताते हुए कहा कि उनका लक्ष्य समाज के कल्याण के लिए साहित्य रचना करना, देश की संस्कृति को गहराई से आत्मसात कर परिभाषित करना है ताकि भारत की सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करते हुए देश की एकता, अखंडता और गौरव सुनिश्चित हो सके।  

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अपने वक्तव्य में कथा-सम्राट प्रेमचंद की तरह देश-दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए नेतृत्व करने का आह्वान किया। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय,बठिंडा के प्रो. वाइस चांसलर डॉ. किरण हजारिका ने सम्मानित लेखकों की तरफ से भारत-नार्वेजीय सांस्कृतिक फोरम,नार्वे, स्पाइल दर्पण तथा डॉ. सुरेशचंद्र शुक्ल  का आभार ज्ञापित किया। मु

ख्य वक्ता के तौर पर प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने महत्वपूर्ण संबोधन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर भिन्न-भिन्न वर्गों में सम्मानित होने वाली शख्सियतों में कवि एवं गीतकार संतोष आनंद, उज्जैन से डॉ. मोहन बैरागी और प्रो.जगदीश चंद्र शर्मा, ग्रेटर नोएडा से श्री डॉ. संजीव कुमार, मनोज भावुक और डॉ. रेनू यादव, लखनऊ से प्रो. पवन अग्रवाल, डॉ. हसन काज़मी, रत्ना अग्रवाल, डॉ. रिपु सूदन सिंह, डॉ.सुधाकर अदीब और डॉ. सूर्यकांत, आनंद से प्रो. दिलीप मेहरा, बड़ौदा से प्रो. कल्पना गवली, उस्मानाबाद से डॉ. हाशम बेग मिर्जा, दिल्ली से डॉ. महेंद्र प्रजापति, डॉ. हरी सिंह पाल, डॉ.रवि कुमार गौड़, रामअवतार बैरवा, कीर्ति काले, डॉ. नूतन पांडेय और डॉ. दीपक पांडेय, धारवाड़ से प्रो. सीताराम पवार, गाजियाबाद से पंकज चतुर्वेदी, अमेठी से डॉ. शिवम तिवारी, पुणे से डॉ.सोपान दाहतोंडे, कोलकाता से डॉ. राम प्रवेश रजक, मुंबई से प्रो.अनिल कुमार सिंह, आसाम से डॉ. शिप्रा शुक्ला, अरूणाचल प्रदेश से प्रो. ओकेन लेगो, नागालैंड से डॉ.बी.पी.फिलिप, सिक्किम से डॉ. चुकी भुटिया, मणिपुर से डॉ. अखिलेश शंखधर और डॉ. लोडंजम रोमी देवी, नीदरलैंड से प्रो. मोहन कांत गौतम, फ्रांस से डॉ. सरस्वती जोशी, डेनमार्क से डॉ. विवेक कुमार शुक्ला, कनाडा से डॉ. सुमन घई और नीरजा शुक्ला, यू.के. से डॉ. शैल अग्रवाल, यूएसए से डॉ. रामबाबू गौतम, सूरीनाम से सांद्रा लुटावन आदि शामिल हैं।