आईएचएम में देशी ठाठ कार्यक्रम में दिखी हरियाणवी संस्कृति और खानपान की झलक
युवा पीढ़ी द्वारा लोक संस्कृति व परंपराएं अपनाने से समाज व राज्य होते हैं मजबूतः सीएम ओएसडी फौगाट
रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय तिलियार स्थित होटल प्रबंधन संस्थान (आईएचएम) में हरियाणवी संस्कृति और खानपान को समर्पित विशेष कार्यक्रम देशी ठाठ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आईएचएम के स्टाफ एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
एलपीएस बोसार्ड, पिज़्ज़ा विंग्स व गरिमा गार्डन के सौजन्य से आयोजित इस देशी ठाठ कार्यक्रम में हरियाणा की परंपराओं, खानपान और लोक–अतिथ्य का जीवंत प्रदर्शन हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन आईएचएम के व्याख्याता विकास देशवाल ने बखूबी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के ओएसडी एवं हरियाणा कला परिषद के रोहतक क्षेत्र के निदेशक गजेंद्र फौगाट, पीजीआईएमएस रोहतक के निदेशक डॉ. सुरेश सिंघल, हरियाणवी लोक सांस्कृतिक कर्मी राघुवेंद्र मलिक सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में हरियाणा कला परिषद के कलाकारों की टीम राजेश, रवि, कल्पना व अन्य ने लोक गीतों से रंग जमाया। आईएचएम की छात्रा अंजू बाला ने भी हरियाणवी गीत पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी। संस्थान के कर्मियों ने भी देशभक्ति पूर्ण रागनी पेश की।
अतिथियों को पारंपरिक ढंग से पंगत में बैठाकर पत्तल में देशी हरियाणवी व्यंजन परोसे गए, जिनमें बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी, चूरमा, मिस्सी रोटी, जलेब, सुहाली, गुलगुले, बथुए का साग, खीर,चटनी सहित अन्य पारंपरिक पकवान शामिल रहे। अतिथियों ने इन पारंपरिक व्यंजनों के देसी स्वाद को खूब सराहा। इसके अलावा थीम-आधारित स्टॉलों पर हरियाणवी लोक परिधान और ग्रामीण जीवन की झलक भी नजर आई।
सीएम के ओएसडी गजेंद्र फौगाट ने कहा कि हरियाणा की संस्कृति ही हमारा वैभव है। युवा पीढ़ी जब लोक संस्कृति और परंपराओं को अपनाती है तो समाज और राज्य दोनों मजबूत होते हैं। आयोजन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं। उन्होंने स्वलिखित गीत -सेक्टर आली कोठी मैं नही लागता जी- के बोल भी सुनाए। पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ सुरेश सिंघल ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। आईएचएम के प्राचार्य शंभू नाथ गौतम ने अंत में आभार व्यक्त किया। इस दौरान सभी कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे।
Girish Saini 


