ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (ज्ञान) देश की उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने का एक प्रभावशाली मंच हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (ज्ञान) देश की उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने का एक प्रभावशाली मंच हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स (ज्ञान) देश की उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने का एक प्रभावशाली मंच है। शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी ज्ञान कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल संबंधित विषयों का कौशल बढ़ाते हैं, बल्कि इस कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर भी प्राप्त करते हैं। प्रो. नरसी राम बिश्नोई सोमवार को बायो एंड नैनो टेक्नोलॉजी विभाग के सौजन्य से ‘बायो नेनो टेक्नोलॉजी फॉर पर्सनलाइज्ड हेल्थ मैनेजमैंट’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय ज्ञान कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी, यूएसए के डॉ. अजीत कौशिक विदेशी शिक्षक के रूप में शिरकत कर रहे हैं। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नीरज दिलबागी हैं। स्थानीय समन्वयक प्रो. सुजाता सांघी तथा सह-समन्वयक प्रो. संदीप कुमार हैं। 

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस दौरान प्रतिभागी संबंधित विषयों के विभिन्न आयामों से परिचित होंगे। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल किए गए विषयों नैनो टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, नेनो केरिअर्स, नेनो मेडिशियन्स, नेनो फोर्मुलेशंस, इलेक्ट्रो केमिस्ट्री, बायो सेंसर, गैस सैंसर, वीयरेबल सैंसर्स, बायो मेन्स एंड माइक्रो तथा नैनो फेब्रिकेशन आदि के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि इन विषयों में शोध तथा रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। 

विदेशी शिक्षक डॉ. अजीत कौशिक ने कहा कि ज्ञान कार्यक्रम विदेशी तथा भारतीय विश्वविद्यालयों के आपसी तालमेल से भारतीय विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कौशल से अवगत कराने तथा संस्थानों के आपसी सहयोग से भविष्य की योजनाओं को बनाने के लिए मंच पर काम करता है। उन्होंने प्रतिभागियों से कार्यक्रम के दौरान विषय विशेषज्ञों से अधिक से अधिक जानकारियां लेने का प्रयास करने की बात कही।  

स्थानीय समन्वयक प्रो. सुजाता सांघी ने बताया कि यह दसवां ज्ञान कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों और शिक्षकों के लिए नए अवसरों को प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रो. नीरज दिलबागी ने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित इन कार्यक्रमों के संचालन की जिम्मेदारी देश के ‘ए’ ग्रेड विश्वविद्यालयों, आईआईटी तथा राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों को ही दी जाती है। इस कार्यक्रम में शिक्षकों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों के रूप में 36 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।