खेलों के समग्र विकास के लिए प्रतिभा के साथ-साथ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की शिक्षा भी जरूरीः सांसद श्याम सिंह
आईआईएम रोहतक में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के नए बैच का आग़ाज़।
रोहतक, गिरीश सैनी। भारत में खेलों के समग्र विकास के लिए सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और संरचित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट शिक्षा की भी आवश्यकता है। ये विचार आईआईएम, रोहतक में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के सातवें बैच के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि, सांसद श्याम सिंह यादव ने व्यक्त किए।
छात्रों से जीवन से सीखने, अनुशासन अपनाने और नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने खेल प्रशासन में पूर्व खिलाड़ियों की सीमित भागीदारी, बुनियादी ढांचे की कमी और नौकरशाही अड़चनों जैसी चुनौतियों पर भी खुलकर बात की।
मुख्य अतिथि श्याम सिंह यादव ने छात्रों को स्पोर्ट्स मेंटलिटी अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि नियमित व्यायाम, खेल और शारीरिक गतिविधियां न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि जीवन में अनुशासन और आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि खेलों से मिली सीख ने उन्हें जीवन और सार्वजनिक सेवा में मजबूती प्रदान की।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रोहतक में वीरवार को देश के इकलौते आईआईएम द्वारा संचालित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट डिप्लोमा के नए बैच की औपचारिक शुरुआत हुई। इस दौरान संस्थान के निदेशक, संकाय सदस्य और विद्यार्थी मौजूद रहे। इस नए बैच में दो बार की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप पदकधारी निशानेबाज मनु भाकर भी प्रतिभागी के रूप में शामिल हैं। साथ ही, अन्य कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने हैं।
स्वागत संबोधन करते हुए आईआईएम, रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का यह कार्यक्रम भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को पेशेवर और संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ये डिप्लोमा खेल विपणन, वित्त, इवेंट मैनेजमेंट, खेल कानून और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक और अकादमिक समझ विकसित करता है।
Girish Saini 


