‘अल्पज्ञात एवं अज्ञात महान साहित्यकार परिचर्चा श्रृंखला’ की प्रथम कड़ी का आयोजन 

पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग द्वारा किया गया आयोजन 

‘अल्पज्ञात एवं अज्ञात महान साहित्यकार परिचर्चा श्रृंखला’ की प्रथम कड़ी का आयोजन 

चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग द्वारा ‘अल्पज्ञात एवं अज्ञात महान साहित्यकार परिचर्चा श्रृंखला’ की प्रथम कड़ी का आयोजन रामवृक्ष बेनीपुरी के जीवन-दर्शन एवं साहित्य पर पुणे विद्यापीठ के प्रोफ़ेसर गजानन चव्हाण के विद्वत्ता पूर्ण वक्तव्य से संपन्न हुआ |इस कार्यक्रम में विद्वान वक्ता प्रोफ़ेसर गजानन चव्हाण ने हिंदी के महान साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी के बलिदान पूर्ण जीवन और अद्वितीय साहित्य पर प्रकाश डाला | वक्ता ने एक घंटे में बेनीपुरी के सम्पूर्ण साहित्य का विवेचन और उनके जीवन की घटनाओं को रेखांकित करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लिया | प्रोफ़ेसर अशोक कुमार ने प्रोफ़ेसर चव्हाण का स्वागत किया एवं प्रोफ़ेसर नीरजा सूद ने धन्यवाद | प्रोफ़ेसर सत्यपाल सहगल ने टिप्पणी की | डॉ० गुरमीत सिंह की सहभागिता ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई| इस आयोजन में विद्यार्थी, शोधार्थी, बोर्ड ऑफ़ स्टडी के सदस्य, हिंदी-विभाग की एल्मुनी के सदस्य और रामवृक्ष बेनीपुरी के पौत्र कार्तिकेय एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने भाग लिया | विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद ने कार्यक्रम का प्रारूप स्पष्ट करते हुए कहा कि हिंदी में कुछ ऐसे महान साहित्यकार हुए हैं जो अभी भी अल्पज्ञात और अज्ञात हैं; उन्हीं में से एक रामवृक्ष बेनीपुरी का नाम आता है | अतः हमारा कर्त्तव्य है की उन साहित्यकारों से विद्यार्थियों का साक्षात्कार कराया जाए, ताकि नई पीढ़ी को जीवन जीने की सार्थक प्रेरणा मिल सके |