21 वर्ष की आयु तक के बेसहारा बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है वित्तीय सहायताः उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 21 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है, जिनके माता-पिता की या तो मृत्यु हो चुकी है या माता-पिता को लंबी जेल हुई है अथवा उनके माता-पिता मानसिक व शारीरिक रूप से अक्षम है। सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से एक परिवार के ऐसे दो बच्चों तक 1850 रुपए प्रतिमाह प्रति बच्चा पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उपरोक्त स्कीम का लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति के पास बेसहारा होने का प्रमाण पत्र, बच्चों के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र व आवेदक का 5 वर्ष या उससे अधिक की अवधि का हरियाणा राज्य में निवासी होने का दस्तावेज आवश्यक है। इन दस्तावेजों में फ़ोटोयुक्त वोटर कार्ड या राशन कार्ड आदि की स्वयं सत्यापित फोटो प्रति सहित परिवार पहचान पत्र शामिल है। आवेदक के पास यदि उपरोक्त दस्तावेजों में से कोई दस्तावेज नहीं है तो वह कोई अन्य प्रमाण पत्र सहित 5 वर्ष से हरियाणा में रिहायश का हलफनामा दे सकता है। यदि बच्चे के माता-पिता या अभिभावक किसी भी सरकार द्वारा पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहा है वो उपरोक्त स्कीम का लाभ नहीं ले पाएंगे। स्कीम का लाभ लेने के इच्छुक प्रार्थी अपने नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।