नवंबर में आपूर्ति संबंधी बाधाओं और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में कमी से 9.07 फीसदी घटा निर्यात : शरद कुमार सराफ, अध्यक्ष, फियो

नवंबर में आपूर्ति संबंधी बाधाओं और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में कमी से 9.07 फीसदी घटा निर्यात : शरद कुमार सराफ, अध्यक्ष, फियो

फियो के अध्यक्ष श्री शरद कुमार सराफ ने नवंबर, 2020 के निर्यात के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कंटेनरों की सीमित आवाजाही जैसी आपूर्ति संबंधी बाधाओं और कीमतों में भारी गिरावट से पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में कमी के कारण 9.07 फीसदी की गिरावट के साथ मासिक निर्यात घटकर 25.77 अरब डॉलर रह गया। इसके अलावा, कुछ राज्यों में किसानों के आंदोलन से भी इस महीने के दौरान निर्यात प्रभावित हुआ है। ऑर्डर बुकिंग की स्थिति में लगातार सुधार और ज्यादा मात्रा में नए ऑर्डर मिलने से रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं। श्री शरद कुमार सराफ ने दोहराया कि कोविड-19 महामारी के टीके के जल्द आने के अनुमान के साथ ही देश और दुनिया में लॉकडाउन में धीरे-धीरे नरमी से सेक्टर के लिए कारोबारी धारणा में व्यापक सुधार में मदद मिली है, जिससे आगामी महीनों में अच्छे आंकड़े आने की उम्मीद की जा सकती है। फियो अध्यक्ष ने कहा कि इस रुझान के आधार पर हमें वित्त वर्ष 2020-21 के अंत तक कुल वाणिज्यिक निर्यात 290 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।

 

निर्यातकों को लगातार अच्छी पूछताछ और ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन में सुधार के संकेतों के साथ सकारात्मक धारणा को मजबूती मिल रही है। हालांकि, हमारे निर्यात के पारम्परिक क्षेत्रों की असली परीक्षा क्रिसमस और नए साल की बिक्री के मौके पर होगी। श्री सराफ ने कहा कि यदि यह दौर अच्छा रहता है तो इन्वेन्ट्री खासी कम हो जाएगी, मांग को मजबूती मिलेगी।

 

फियो प्रमुख ने कहा कि ऑयल मील सहित अन्य अनाज, लौह अयस्क, चावल, सिरैमिक उत्पाद और ग्लासवेयर, हस्त निर्मित कालीन को छोड़कर हस्तशिल्प, तैयार अनाज और विविध प्रसंस्कृत सामान, फ्लोर कवरिंग सहित कालीन, मसाले, औषधि एवं दवाएं, तम्बाकू, सूती धागा/फैब्रिक्स/बने-बनाए सामान, हथकरघा उत्पाद आदि, फल व सब्जियां, चाय, रत्न एवं आभूषण, माइका, कोयला व अन्य अयस्क, प्रोसेस सहित खनिज, मीट, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में या तो बहुत अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई है या सकारात्मक बढ़ोतरी से पुनरुत्थान के संकेत मिले हैं।

 

श्री सराफ ने यह भी कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों, चमड़ा और चमड़ा उत्पादों, काजू, प्लास्टिक और लिनोलियम, समुद्री उत्पाद, तिलहन, मानव निर्मित सूती धागा/फैब्रिक्स/तैयार सामान आदि, इंजीनियरिंग सामान, जैविक और अजैविक रसायन, कॉफी और सभी कपड़ों के आरएमजी, जिनकी भारत के कुल निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी है और निर्यात के श्रम बहुल क्षेत्रों से निर्यात में कमी इस महीने के दौरान बड़ी चिंता रही है। हालांकि, नवंबर, 2020 के दौरान आयात 13.33 फीसदी घटकर 33.39 अरब डॉलर रह गया, जिसके चलते पिछले साल के समान महीने की तुलना में व्यापार घाटा 21.93 फीसदी की भारी कमी के साथ 9.96 अरब डॉलर रह गया।

 

फियो के अध्यक्ष ने सरकार से कंटेनरों की पर्याप्त उपलब्धता, भाड़ा दरों में नरमी, एमईआईएस लाभों को जारी करने, जोखिम वाले निर्यातकों की समस्याओं के समाधान, सभी क्षेत्रों के लिए आरओडीटीईपी की तत्काल पेशकश, निर्विक योजना की पेशकश, ब्रांड इंडिया उत्पादों के विपणन के लिए एक फंड के निर्माण की बहुप्रतीक्षित मांग और सीमा शुल्क व बंदरगाह स्वीकृतियों से जुड़ी बुनियादी ढांचा संबंधी अन्य बाधाओं से संबंधित समस्याओं को दूर करने की मांग की, जिससे समग्र रूप से सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन के साथ ही वित्त वर्ष के शेष 4 महीनों निर्यात को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।