कथा संग्रह `नयी प्रेम कहानी' पर प्रसिद्ध कथाकार ममता कालिया की टिप्पणी

कथा संग्रह `नयी प्रेम कहानी' पर प्रसिद्ध कथाकार ममता कालिया की टिप्पणी
ममता कालिया।

हंस प्रकाशन, दिल्ली से रचनाकार एवं पत्रकार कमलेश भारतीय का नवीन कहानी संग्रह `नई प्रेम कहानी' इस लिहाज से आंदोलित करता है कि जहां इतनी रोचक, असंभव कहानियां रोज़ किसी न किसी माध्यम से हमारे हलक के नीचे उतारी जा रही हैं,वहां ठीक अपने 'पड़ोस' में बैठे कमलेश भारतीय इतनी सहजता से सार्थक और
और  पठनीय रचनाएं लिख रहे हैं।
शीर्षक कहानी,"नई प्रेम कहानी" में विनोद और वेदना का विरल प्रयोग है। नायक अपनी पूर्व प्रेमिका के विवाह में शामिल होने जाता है। प्रेमिका शांता अपने वर से उसका परिचय भाई के रूप में करवाती है।  प्रेम कहानियां इसी तरह दम तोड़ती हैं। इससे बिल्कुल अलग मिजाज की कहानी है 'अपडेट' एक पत्रकार के जीवन में अपडेट बहुत अहम् होता है। अपडेट के दौरान बनते बिगड़ते राजनीतिक सामाजिक समीकरणों का कटु यथार्थ सामने आता है।  'कब्रिस्तान पर मकान'  में ईमानदार इंसान की त्रासदी बयान हुई है तो "कब गए थे पिकनिक पर" कहानी में रूटीन से हटकर जीवन जीने का सुख दर्ज है। सभी कहानियों में गजब की  रोचकता और रवानगी है। पहले वाक्य से ही कहानी पाठक को पकड़ लेती है। यह प्रभाव कमलेश भारतीय ने पत्रकारिता की दुनिया से अर्जित किया है। वे सीधे  कथ्य पर आते हैं। पाठकों के लिए कोई उबाऊ भूमिका नहीं बनाते। इन कहानियों का दिल खोल कर स्वागत् होना चाहिए।
-ममता कालिया

मेरी ओर से: 
"ममता कालिया जी । आपकी टिप्पणी से मेरा लिखना जैसे सार्थक हो गया और यह भी कि आप किस कारण से बड़ी हैं या कोई भी इतना बड़ा लेखक कैसे बनता है ...जब वह अपने से छोटे रचनाकारों को पढ़ता व सराहता है और कुछ प्यार भरे संदेश व संकेत भी देता है । आपकी टिप्पणी बहुत मायने रखती है ।" -कमलेश भारतीय