परिवार का साथ और आत्मविश्वास आत्महत्या रोकथाम की कुंजी: डॉ. शरणजीत कौर
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यशाला आयोजित।

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के मनोविज्ञान विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर “बी ए वारियर, नॉट ए वर्रिएर" विषय पर युवा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि, भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डॉ. शरणजीत कौर ने कहा कि आत्महत्या के पीछे कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं, परंतु परिवार का सहयोग, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से उबरने में सबसे बड़ी ढाल का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं की जिम्मेदारी लेना और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना ही मानव जीवन की वास्तविक प्रगति का आधार है।
मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला निदेशक प्रो. अंजलि मलिक ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला संयोजक प्रो. शालिनी सिंह ने विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक डॉ. हरीश वशिष्ठ ने आत्महत्या के जोखिम कारकों पर प्रकाश डालते हुए उदाहरणों सहित उनके निवारण के उपाय बताए। उन्होंने अभिभावकों की भूमिका और आत्महत्या पर मनो-शिक्षा को अत्यंत आवश्यक बताया।
सीडीएस के चीफ एडवाइजर प्रो. राधेश्याम ने समाज के विभिन्न वर्गों में आत्महत्या की व्यापकता पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी -वर्षा, खुशबू और मानसी ने किया। इस दौरान निदेशक जनसंपर्क प्रो. आशीष दहिया, प्रो. दीप्ति हुड्डा, प्रो. प्रतिमा देवी सहित शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे। विशेषज्ञों ने कार्यशाला के 200 से अधिक प्रतिभागियों के साथ आत्महत्या रोकथाम के उपयोगी उपाय साझा किए और युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।