एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स कार्यशाला संपन्न
विद्यार्थियों को मिला संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता का व्यावहारिक प्रशिक्षण।

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के गणित विभाग में करियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल के सहयोग से महिंद्रा प्राइड (नंदी फाउंडेशन) क्लासरूम द्वारा प्रायोजित एम्प्लॉयबिलिटी एनहांसमेंट स्किल्स विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला संपन्न हो गयी।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि, प्रख्यात वैज्ञानिक एवं दिल्ली विवि के गणित विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बी. के. दास ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल रोजगारोन्मुखी कौशल को बढ़ावा देती हैं, बल्कि नवाचार और अनुसंधान की भावना को भी प्रोत्साहित करती हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश मलिक (लाइब्रेरियन, विवेकानंद पुस्तकालय) ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का सबसे बड़ा भंडार हैं और सतत अध्ययन ही जीवन में निरंतर प्रगति का मार्ग है। गणित विभागाध्यक्ष प्रो. सुमित गिल ने कहा कि कौशल विकास, आत्मनिर्भरता और अनुसंधान क्षमता ही आज के प्रतिस्पर्धी युग में सफलता की वास्तविक कुंजी हैं। सीसीपीसी निदेशिका प्रो. दिव्या मल्हान ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों को उद्योग जगत की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करते हैं।
एनएसएस कोऑर्डिनेटर एवं उपनिदेशक प्रो. सविता राठी ने विद्यार्थियों को सतत आत्म विकास की प्रेरणा देते हुए कहा कि ऐसा प्रशिक्षण न केवल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास उत्पन्न करता है, बल्कि उन्हें अपने करियर के प्रति गंभीर और सजग भी बनाता है। कार्यशाला का संचालन रविंदर सिंह और जयदीप मल्होत्रा ने किया। दोनों प्रशिक्षकों ने संचार कौशल, टीमवर्क, नेतृत्व क्षमता और साक्षात्कार तकनीकों के व्यावहारिक पहलुओं पर विद्यार्थियों को प्रभावशाली ढंग से मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. मीनाक्षी हुड्डा ने विद्यार्थियों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
विद्यार्थियों ने कार्यशाला से प्राप्त अनुभवों को साझा किया और फीडबैक में बताया कि इस कार्यशाला से उनके आत्मविश्वास, व्यक्तित्व और पेशेवर दक्षताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।