समाचार विश्लेषण/एक ईंट क्या गिरी मेरे मकान की ...लोगों ने कांग्रेस से जाने का रास्ता बना लिया 

समाचार विश्लेषण/एक ईंट क्या गिरी मेरे मकान की ...लोगों ने कांग्रेस से जाने का रास्ता बना लिया 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
कांग्रेस के उदयपुर में लगाये तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर से संभवतः पार्टी में जोश का संचार तो नहीं हुआ लेकिन इसे छोड़कर जाने का रास्ता जरूर दिख गया । अभी हार्दिक पटेल गये और वे जाऊं जाऊं कर रहे थे और कहावत है ही हरियाणा में कि बुआ जाऊं जाऊं करे थी , फूफा लेन आ गया और भाजपा हाथ बढ़ाकर लेने आ गयी । जे पी नड्डा का कहना है कि इससे भाजपा मजबूत होगी और राहुल गांधी का कहना है कि जो 'डर' गया उसे हार्दिक आभार । इस तरह यह चूहे बिल्ली का खेल राजनीति में चलता रहेगा क्योंकि चुनावों का मौसम है । हर घड़ी दलबदल का मौसम है । आइए , दलबदल कर लीजिए । फिर समय या अवसर बने या न बने । अभी के अभी दलबदल कर लो । अच्छा भाव मिल जायेगा । शायद सुनील जाखड़ की तरह राज्यसभा के द्वार खुल जायें । जैसे कभी महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए खुले थे । अब तो मंत्री भी बना दिये । सुनील जाखड़ थोड़ा दबाब बना कर रखने की जरूरत है , मंत्री पद कहीं नहीं गया । चाहो तो राज्यपाल भी बना देंगे । झोली में बहुत कुछ है देने के लिए और जिसकी झोली में दाने आप तो जानते हो उसके कमले भी सयाने । भाजपा में जाने की मौज ही मौज है । अभी हमारे हरियाणा से कुलदीप बिश्नोई भी आप में जाते जाते रुक कर सोचने लगे कि क्यों न भाजपा में ही चला जाऊं ? इसी सोच के चलते पहुंच गये मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करने और अब हरियाणा प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल कह रहे हैं कि रुक जाओ , राहुल गांधी से आपकी मुलाकात करवाते हैं । अब लगता है कि मुलाकात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, उससे पहले ही पंछी उड़ान भर लेगा । समय पर तो कार्रवाई की नहीं और अब पीछे पीछे भाग कर कहां पकड़ पाओगे ? पंछी तो दाना चुगने जा रहा है नये क्षेत्र में । मुलाकात का समय निकल गया । पंछी उड़ चला ।
इधर नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की कैद सुना दी है सुप्रीम कोर्ट में पुराने केस में । शुक्र है कि अब नवजोत सिद्धू अध्यक्ष नहीं हैं । नहीं तो कांग्रेस की भद्द और भी पिटती । पंजाब और हरियाणा में और नेता भी भाजपा की राह जा सकते हैं । कांग्रेस को अपने दरो दीवार कस कर बंद करने होंगे । नहीं तो 
एक ईंट क्या गिरी मेरे मकान की 
लोगों ने आने जाने का रास्ता बना लिया ...

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।