सफाई कर्मचारियों में स्वाभिमान पैदा करने की कोशिश: अशोक गर्ग 

सफाई कर्मचारियों में स्वाभिमान पैदा करने की कोशिश: अशोक गर्ग 

-कमलेश भारतीय 
आजकल हिसार नगर निगम के आयुक्त अशोक गर्ग लगातार सफाई कर्मियों के लिए नये नये कार्यक्रम लेकर आ रहे हैं और हर तरफ इनके कार्यों की सराहना हो रही है । आखिर  इनके लिए इतने कार्यक्रम कैसे सोच लेते हैं? इनके स्वाभिमान को बढ़ाने के लिए ।  समाज भी इनके प्रति अपना नज़रिया  बदले । मूल रूप से नरवाना निवासी अशोक गर्ग ने प्रेप की हिसार के डीएन काॅलेज से और फिर चंडीगढ़ के डी ए वी काॅलेज से प्री इंजीनियरिंग की । फिर फरीदाबाद के इंजीनियरिंग काॅलेज गये इलेक्ट्रानिक इंजीनियर बनने लेकिन मां की बीमारी के चलते एक साल बाद ही लौट आए और नरवाना से की ग्रेजुएशन । कुछ समय एल आई सी में नौकरी की । सन् 1993 में बने तहसीलदार ।

-फिर एचसीएस कब ?
-सन् 2005 में । 
- हिसार में पहले आप ए डी सी रहे तो डी सी कहां कहां रहे ?
-सिरसा व फरीदाबाद। 
-महिला सफाई कर्मियों के लिए महिला दिवस बड़े भव्य स्तर पर गुजवि में मनाया । क्या सोच रही इसके पीछे ?
-महिला सफाई कर्मचारी हमारे समाज का ऐसा तबका जिसका उत्पीड़न होता है । पहले महिला होना , फिर गरीब , अनपढ़, दलित समाज से आना और कच्ची नौकरी । ये इतने सारे कारण हैं कि इनकी ओर ध्यान गया । कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता । यह भावना इनके मन में भरना । इन्हें इंसान होने का अहसास करवाना । 
-इसका उपाय क्या है ? मुक्ति मार्ग क्या है ?
-शिक्षा ही इसका मुक्ति मार्ग है । इसलिए इनको और इनके बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश ।
-इन लोगों से आपने पौधारोपण भी करवाया । यह क्या विचार है ?
-इनमें स्वाभिमान लाने के लिए । ये खुद भी अपने बारे में नया नज़रिया बनायें और खुद को समाज का हिस्सा मानें । 
-इनके बच्चों के पास किताबें कहां से आएंगी ?
-इसके लिए बुक बैंक योजना शुरू की है । अब तक दस हजार किताबें इकट्ठी हो चुकी हैं । शांतिनगर, माॅडल टाउन, सेक्टर चौदह और भारत नगर में लाइब्रेरीज में रखी गयी हैं किताबें और ये बच्चे इश्यू भी करवाने लगे हैं । 
-अगली योजना ?
-इनके बच्चों के लिए कोचिंग क्लासिज शुरू करवाना।  बहुत से लोग आगे आ रहे है इसके लिए ।
-आपके और शौक क्या हैं ?
-साहित्य पढ़ना और यायावरी यानी घूमना । नये नये स्थान और प्रकृति देखना । 
-परिवार ?
-पत्नी रजनी गवर्नमेंट स्कूल, जुगलान में अर्थशास्त्र की प्राध्यापिका । तीन बच्चे । दो बेटे , एक बेटी । बड़ा बेटा अंकुर लाॅ कर चुका, छोटा बेटा समीर लाॅ कर रहा है और बेटी प्रिया अंग्रेजी में एम ए है ।
-क्या लक्ष्य ? 
-अच्छा लगता है काम करना और करते रहना। 
हमारी शुभकामनाएं अशोक गर्ग को ।