विश्व शांति की कामना के साथ दुर्गा पूजा का पर्व संपन्न
सिंदूर खेला के साथ सुहागिनों ने दी एक-दूसरे को शुभकामनाएं।

रोहतक, गिरीश सैनी। सामाजिक सद्भाव तथा आपसा भाईचारा व प्रेम-शांति का संदेश देता हुआ तथा भारत में सांस्कृतिक विविधता में एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता हुआ सर्वजनीन दुर्गा पूजा उत्सव वीरवार को संपन्न हुआ।
स्थानीय बंगाली समुदाय द्वारा जाट भवन में आयोजित सर्वजनिन दुर्गा पूजा में वीरवार को विजय दशमी के दिन प्रात: पारंपरिक पूजा-अर्चना की गई। पुष्प-मिष्ठान्न, मंत्रोच्चारण के साथ मां दुर्गा की स्तुति की गई। दीप प्रज्ज्वलन तथा शंख ध्वनि के साथ भक्तों ने मां दुर्गा की आरती की।
सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी। सुहागन रहने की मंगल कामना करते हुए महिलाओं ने खुशी का इजहार किया और देवी मां का वरण भी किया।
ढाक के थाप पर पूरे भक्ति भाव से भक्तों ने मां दुर्गा की आराधना की। दुर्गा पूजा के अंतिम दिन मां दुर्गा, देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी, गणेश देव, कार्तिकेय देव की विदाई की बेला में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से इन देवी-देवताओं को नमन किया। -आसचे बच्छोर आबार होबे- (अगले वर्ष फिर होगा) तथा दुर्गा माई की जय-जयकार के साथ मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी गई। शांति जल के अनुष्ठान से सर्वजन, समाज, देश तथा विश्व में शांति की कामना की गई।