अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में नाट्य-मंचन

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में नाट्य-मंचन

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के ड्रामा क्लब की ओर से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में यूनिवर्सिटी के दशमेश आडिटोरियम में 'जूठ' नाटक का मंचन किया गया। उल्लेखनीय है कि यह नाटक ड्रामा क्लब की ही प्रस्तुति है और तीन बार उक्त नाटक का अभी तक मंचन हो चुका है। यह नाटक काफी चर्चित हुआ है और इसे दर्शकों की अपार सराहना मिली है। यह नाटक मूल रूप से हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा 'जूठन' पर आधारित है जिसे बलराम बोधि ने पंजाबी भाषा में अनूदित किया है। इस नाटक के निर्देशक मंच-रंगमंच के संस्थापक कंवल रंधेय हैं। इस नाटक में युवा रंगकर्मी बचनपाल सिंह ने कमाल का किरदार निभाया है। 

यह नाटक सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, अस्पृश्यता और जातिगत भेद की पोल खोलता है और सामाजिक समानता, बंधुत्व और सभी के लिए समान अवसर पर बल देता है ताकि एक सभ्य, सुसंस्कृत और शिष्ट समाज की परिकल्पना साकार हो सके। यह नाटक रूढ़िवादी सोच, जड़ता और सामाजिक विद्रूपताओं पर करारी चोट करता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन, छात्र कल्याण प्रोफ़ेसर प्रोफ़ेसर बेदी ने अपने संदेश में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर ऐसा आयोजन एक ओर जहां भाषाओं और बोलियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है वहीं दूसरी ओर समाज की कुरीतियों को भी उजागर करता है। उन्होंने नाटक के मंचन के लिए ड्रामा क्लब को बधाई दी और ऐसे कार्यक्रमों के निरंतर आयोजन पर जोर दिया ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अभिनेता बचनपाल सिंह के अभिनय की भूरि भूरि प्रशंसा की‌। ड्रामा क्लब के इंचार्ज वह हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और प्रेरणा से इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बखूबी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने समूह विश्वविद्यालय परिवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाषा या बोली का मर जाने का मतलब एक समाज या संस्कृति का मर जाना है। संसार में अनेकों बोलियां और भाषाएं अस्तित्व के संकट से गुजर रही हैं। इसलिए बोलियों और भाषाओं के अधिकाधिक प्रयोग और उनके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। कंवल रंधेय ने कहा कि ड्रामा क्लब की ओर से प्रतिमाह एक नाटक के आयोजन की योजना है और इस वर्ष पांच दिवसीय थियेटर फेस्टिवल का आयोजन भी प्रस्तावित है।

स्टूडेंट को-ओर्डिनेटर हरप्रीत सिंह ने हमेशा की तरह प्रभावी मंच संचालन किया और विद्यार्थियों से बढ़ चढ़कर इन आयोजनों में भाग लेने और ड्रामा क्लब से जुड़ने की अपील की।  इस अवसर पर डॉ. अमनदीप सिंह, डॉ. जतिंद्र कौर, डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. दीपिका, श्री प्रवीण पुरी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित भारी संख्या में शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।